नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को नियुक्त किए जाने के आधार पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि क्या कोई भी प्रसिद्ध व्यक्ति कुलपति हो सकता है ? कोर्ट ने कहा है कि इसका मतलब साफ है कि फिर तो कोई खिलाड़ी, आर्मी जनरल, पत्रकार और सिंगर भी यूनिवर्सिटी का कुलपति हो सकता है. कोई शख्स जिसका यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं है वह भी कुलपति आसानी से बन जाएगा ?
क्या कहा JNU ने ?
यह बात चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कही. एएमयू की तरफ से सीनियर वकील रामचंद्रन ने कहा कि ऐसा कोई आधार नहीं है, जिसके तहत प्रतिष्ठित व्यक्ति यूनिवर्सिटी का कुलपति हो सकता है. उन्होंने मौजूदा उपराष्ट्रपित हामिद अंसारी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें भी इसी आधार पर कुलपति बनाया गया था.
6 दिसंबर तक टाली सुनवाई
इस मामले में बेंच ने 6 दिसंबर तक सुनवाई टाल दी गई है. ये याचिका सैय्यद अबरार अहमद ने डाली है. याचिका में कहा है कि यूनिवर्सिटी में वाइस-चांसलर की नियुक्ति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी की गाइडलाइंस को फॉलो नहीं कर रहा है. हालांकि पिछली सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार का ये मानना है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है.