नई दिल्ली. नोटबंदी पर विपक्ष का विरोध झेल रही है केंद्र सरकार अब पूरे जोर-शोर से इसके प्रबंधन में जुट गई है. देश को ‘कैशलेस इकोनॉमी’ बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों की एक समिति बनाई जाएगी. इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नीतीश कुमार को फोन भी किया है. समिति के अध्यक्ष आंध्र प्रदेश मुख्य्मंत्री चंद्रबाबू नायडू को बनाया गया है.
यह समिति नोटबंदी के बाद नगदी की समस्या से झेल रही जनता को ऑनलाइन लेनदेन और कैशलेस व्यवस्था के बारे में बताएगी और आ रही दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करेगी. इसके पीछे टैक्स चोरी को रोकना और कालेधन के खिलाफ लड़ाई को तेज करना भी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से इस समिति में हिस्सा बनने के लिए जिन मुख्यमंत्रियों को फोन किया गया है उनमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हैं जो विपक्ष के विरोध से इतर प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले का खुलकर समर्थन कर रहे हैं.
नीतीश कुमार के अलावा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक सरकार और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण सामी को भी समिति में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.
गौरतलब है कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री लेफ्ट और पदुचेरी के सीएम कांग्रेस के नेता हैं. दोनों ही पार्टियां इसका पुरजोर विरोध कर रही हैं. वहीं ओडिसा के सीएम नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान को भी बुलाया गया है. नवीन पटनायक पहले ही नोटबंदी का समर्थन कर चुके हैं.
मुख्यमंत्रियों की समिति बनाने के पीछे केंद्र के इस कदम के पीछे विपक्ष के विरोध को कुंद करने की भी कोशिश मानी जा रही है. अब देखने वाली बात यह है होगी कि त्रिपुरा और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री इसमें हिस्सा लेते हैं या नहीं. आपको बता दें कि नोटबंदी के फैसले से प्रधानमंत्री मोदी टस से मस होने के तैयार नही हैं.
वहीं विपक्ष भी लगातार विरोध से पीछे नहीं हट रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने केंद्र के इस फैसले को फेल बताया है और देश की जीडीपी को नुकसान बताने वाला कदम बताया है. इतना ही नहीं कांग्रेस की अगुवाई में पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से सदन में आकर इस पर सफाई देने की मांग कर रहा है.