ट्रांसजेंडर को ‘थर्ड जेंडर’ के रूप में शामिल करने बाद रेलवे को हुआ इस गलती का एहसास, होंगे बदलाव

भारतीय रेलवे ने टिकट आरक्षण और टिकट रद्द कराने वाले फॉर्म में महिला एवं पुरुष के साथ-साथ 'ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग' के तौर पर शामिल तो कर लिया लेकिन बदले में उम्र व दिव्यांग को मिलने वाली और छूटों को खत्म कर दिया है. लेकिन अब रेलवे को इस बात का एहसास हो रहा है.

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ट्रांसजेंडर को ‘थर्ड जेंडर’ के रूप में शामिल करने बाद रेलवे को हुआ इस गलती का एहसास, होंगे बदलाव

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  • November 29, 2016 6:35 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने टिकट आरक्षण और टिकट रद्द कराने वाले फॉर्म में महिला एवं पुरुष के साथ-साथ ‘ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग’ के तौर पर शामिल तो कर लिया लेकिन बदले में उम्र व दिव्यांग को मिलने वाली और छूटों को खत्म कर दिया है. लेकिन अब रेलवे को इस बात का एहसास हो रहा है.
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टांसजेंडरों को बाकी लोगों की तरह छूट देने के लिए रेलवे बोर्ड नया आदेश निकालने की तैयारी कर रहा है. 
 
दरअसल पिछले आदेश में यह गड़बड़ी हुई कि  थर्ड जेंडर  वालों से रेलवे पूरा किराया वसूल करेगा. रेलवे के नियमों के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों 58 वर्ष की महिला और 60 वर्ष की पुरुषों को टिकट में छूट दी जाती है. जिसके अनुसार थर्ड जेंडर इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे क्योंकि थर्ड जेंडर में भी दिव्यांग और वरिष्ठ लोग हो सकते हैं. 
 
 
इस कमी को पूरा करने के लिए रेलवे ने इस फैसले पर दोबार आदेश जारी करने का फैसला लिया है. नए आदेश में साफ किया जाएगा कि थर्ड जेंडर के लोगों को भी उम्र के मामले में किराए पर छूट मिलेगी. 
 
गौरतलब है कि कोर्ट के निर्देशन देने के बाद किन्नरों को थर्ड जेंडर का दर्जा दिया गया था. इसे देखते हुए रेलवे ने अपने फॉर्म मेले फिमेल के अलावा थर्ड जेंडर का भी कॉलम रखा ताकि ट्रांसजेंडर टिकट लेना चाहें तो वे उसमें अपने जेंडर की जानकारी दे सकें.

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