नोटबंदी का असर, एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने किया सरेंडर

नोटबंदी का असर जहां पूरे भारत पर देखने को मिल रहा है वहीं नक्सलियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला है. नक्सलीयों पर नोटबंदी इस कदर हावी हुई है कि एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

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नोटबंदी का असर, एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने किया सरेंडर

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  • November 29, 2016 5:35 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: नोटबंदी का असर जहां पूरे भारत पर देखने को मिल रहा है वहीं नक्सलियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला है. नक्सलीयों पर नोटबंदी इस कदर हावी हुई है कि एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
 
बीते 28 दिनों में 564 नक्सलियों और उनके समर्थकों ने सरेंडर किया है. नक्सलियों के जरिए किसी भी महीने में किए गए सरेंडर की का यह अब तक का सबसे बड़ी आंकड़ा है. इनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों के सरेंडर पर नोटबंदी का खासा असर माना जा रहा है.
 
पहले कभी नहीं हुआ एेसा
सूत्रों के मुताबिक सरेंडर करने वाले 564 नक्सलियों में 8 नवंबर के बाद 469 नक्सलियों मे सरेंडर किया है. बीते एक महीने से पहले के महीनों और सालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इतने कम समय में इतना ज्यादा सरेंडर देखने को नहीं मिलेगा.
 
विस्फोटक खरीदने में नाकाम
रिपोर्ट्स के मुताबिक नोटबंदी को इन सरेंडर की एक बड़ी वजह माना जा रहा है क्योंकि पुरानी बड़ी करेंसी के चलन से बाहर हो जाने के बाद माओवादी हथियार, विस्फोटक, दवाएं और अपनी जरूरत का सामान खरीद पाने में नाकाम हो गए हैं. इसके अलावा नक्सलियों के सरेंडर करने में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने नियमित कार्रवाई कर इसमें अहम भूमिका निभाई है.
 
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था. 

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