नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद कैश की कमी से जूझ रहे देश के किसानों को कैशलेस लेन-देन सिखाने के काम में दुनिया की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव IFFCO जुट गई है. इफको कैंप लगाकर किसानों को मोबाइल बैंकिग, ई-वैलेट और इंटरनेट बैंकिग जैसी डिजिटल चीजें सिखा रही है.
36000 से ज्यादा कोऑपरेटिव कमिटी वाली इफको के जरिए 5 करोड़ किसान खेती-बारी की जरूरतें पूरी करते हैं. रबी फसलों की बुआई के इस मौसम में ज्यादातर किसान बीज और खाद जैसे जरूरी चीजें नकद से ही खरीदते रहे हैं लेकिन कैश की कमी से उन्हें दिक्कत हो रही है.
राधा मोहन सिंह और सुरेश प्रभु भी इफको के कैशलेस अभियान में हुए शामिल
इसको देखते हुए इफको ने उत्तर प्रदेश के दादरी, हरियाणा के पलवल और उत्तराखंड के देहरादून में सेमिनार आयोजित किया जहां लगभग 500-500 किसानों को ऑनलाइन पेमेंट विकल्पों के बारे में बताया गया. इन जगहों पर 50 से ज्यादा किसानों ने पहली बार नकदी रहित लेन-देन करके बीज और उर्वरक खरीदा.
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और इफको के डायरेक्टर अरबिंद राय और एमआर पटेल ने इन सेमिनार में किसानों को डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया.
इफको स्वर्ण जयंती वर्ष के आयोजनों में कैशलेस लेन-देन सिखाने का स्टॉल
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने बड़े नोटों के विमुद्रीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को सुदृढ़, पारदर्शी, तकनीकी सक्षम और नकदी रहित बनाने में मदद मिलेगी. देश भर में फैले अपने मार्केटिंग यूनिट्स के जरिए इफको किसानों को ऑनलाइन और डिजिटल लेन-देन के फायदे बता रही है.
इफको इस समय स्वर्ण जयंती वर्ष मना रही है जिसके तहत एमडी यूएस अवस्थी देश के 125 जगहों पर किसानों और सहकारी समिति के सदस्यों के बीच लगातार सभाएं कर रहे हैं. इन सभी आयोजनों में इफको स्टॉल लगाकर किसानों को नकदी रहित लेन-देन के तरीके सिखाएगी और उनकी शंका का समाधान करेगी.