नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगर वे वित्त मंत्री होते और अगर प्रधानमंत्री उनकी सलाह के बाद भी नोटबंदी लागू करते तो वह इस्तीफा दे देते. ये बात उन्होंने टाइम्स लिटरेटर फेस्टिवल में ‘मोदी सरकार विपक्ष की भूमिका’ के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि यह नोटबंदी नहीं बल्कि बड़े लेवल पर नोटबदली है.
चिदंबरम ने फेस्टिवल में कहा कि अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 नोट को बैन न करने की सलाह देता और न ही फैसला लेता. उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर उन्हें आंकड़े और तथ्य देता. फिर भी अगर वह कहते कि माफ कीजिए वित्त मंत्री जी यह मेरा फैसला है, मुझे ऐसा करना ही है, तो मैं इस्तीफा दे देता.
नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि यह कदम जाली मुद्रा, भ्रष्टाचार और काला बाजारी जैसे लक्ष्यों को पूरा करने में सक्ष्म नहीं है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है. हालांकि उन्होंने इस फैसले पर थोड़ा-बहुत तारिफ भी की कि केवल इससे ‘लघु अवधि’ को फायदा होगा. ये लोग शहरी इलाके में डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ेंगे.
2000 के नोट लाने के फैसले पर चिदंबरम ने कहा कि 1000 का नोट वापस लिया जा रहा है और 2000 का नोट जारी किया जा रहा है, आखिर 2000 के नोट जारी करने से ब्लैक मनी कैसे खत्म होगी. 2000 के नोट जारी करने से भविष्य में काला धन पैदा नहीं होगा ऐसा कैसे हो सकता है.