पटना : जनता दल यूनाईटेड नोटबंदी के विरोध में हो रहे भारत बंद में भाग नहीं लेगी. पार्टी ने सोमवार को होने वाले भारत बंद और आक्रोश मार्च में शामिल न होने का फैसला किया है. जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार पहले ही नोट बंदी का समर्थन कर चुके हैं.
पटना में शनिवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजिट पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि नीतीश कुमार ने अपने फैसले की जानकारी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी को भी दे दी है.
बेनामी संपत्ति के विरुद्ध चले अभियान
नीतीश का कहना है कि पार्टी पहले नोट बंदी का समर्थन कर चुकी है. पार्टी काले धन के खिलाफ इस अभियान में बेनामी संपत्ति के विरुद्ध भी अभियान चलाना चाहती है. इसके बाद धरना प्रदर्शन में भाग लेना कोई मायने नहीं रखता.
पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को होने वाले धरने में भी उनकी पार्टी भाग नहीं लेगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पटना में यह धरना करने का कोई औचित्य नहीं है.
पटना के धरने में पप्पू यादव शामिल
उन्होंने कहा कि इस धरने में राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव भी शामिल होंगे. पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता है न कि उनके साथ राजनीति की जाती है.
कहा जा रहा है कि अन्य विरोधी दलों को नीतिश कुमार से आक्रामक रुख की उम्मीद थी. उनसे पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव राज्यसभा में नोट बंदी का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति बनाने की भी मांग की थी. अब नीतीश के इस रुख से अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी थोड़ी दूरी आ सकती है.