नई दिल्ली : भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी ने बड़ा फैसला लेते हुए टिकट बुकिंग और टिकट कैंसिल कराने वाले फॉर्म में ट्रांसजेडर को भी तीसरे लिंग के रूप में शामिल कर लिया है. एक वकील के आवेदन पर यह फैसला लिया गया है.
दरअसल एक वकील जमशेद अंसारी ने फरवरी 2016 में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने रिजर्वेशन फॉर्म में ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में शामिल करने की मांग की थी. याचिका पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने वकील को रेल मंत्रालय से संपर्क करने को कहा था.
अब रेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल-2014 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि हिजड़ा, किन्नर और बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें तीसरे रूप में शामिल किया जाता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में संविधान के तृतीय भाग और संसद के द्वारा बनाये गए कानून के तहत हिजड़ा, किन्नर, बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने का आदेश दिया था.
मंत्रालय के नए निर्देशों के मुताबिक आरक्षण टिकट और रद्दीकरण फॉर्म में महिला-पुरुष के साथ-साथ ट्रांसजेंडर का विकल्प भी होगा. हालांकि उन्हें टिकट के दाम में कोई छूट मिलेगी. उन्हें पूरी कीमत पर ही टिकट दिए जाएंगे.
याचिका में क्या था ?
जमशेद अंसारी ने अपनी याचिका में आईआरसीटीसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था. उन्होंने भारतीय रेलवे से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान देने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने ट्रांसजेंडर के लिए सभी ट्रनों में विशेष बोगियों और रिजर्व सीट लगाने की भी मांग की थी.