‘मन की बात’ में नोटबंदी पर खुलकर बोले PM मोदी जानिए, 10 बड़ी बातें

नोटबंदी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' की है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद मारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है

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‘मन की बात’ में नोटबंदी पर खुलकर बोले PM मोदी जानिए, 10 बड़ी बातें

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  • November 27, 2016 6:59 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद मारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं. विश्व के मन में प्रश्न-चिन्ह हो सकता है लेकिन भारत को विश्वास है कि देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे. 
 
 
‘मन की बात’ में PM मोदी की 10 बड़ी बातें
  1. मजदूर भाइयों-बहनों को कहना चाहता हूं, आपका बहुत शोषण हुआ है, कागज़ पर पगार होता है और जब हाथ में दिया जाता है तब दूसरा होता है.
  2. इतना बड़ा मैंने निर्णय देश के गरीब के लिये, किसान के लिये, मजदूर के लिये, वंचित के लिये, पीड़ित के लिये लिया है.
  3. कठिनाइयां तो हैं,लेकिन मुझे विश्वास है जो किसान हर कठिनाइयां झेलते हुए डट करके खड़ा रहता है, नोटबंदी के समय भी वो डट करके खड़ा है.
  4. अर्थव्यवस्था के बदलाव के कारण,कठिनाइयों के बीच हर नागरिक अजस्ट कर रहा है लेकिन मैं किसानों का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं.
  5. पीएम मोदी ने 17 नवंबर को गुजरात में मेहमानों को चाय पिलाकर आयोजित की गई शादी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव में चाय पर चर्चा करता था लेकिन मुझे पता नहीं कि चाय पर चर्चा में, शादी भी होती है.
  6. बेनामी संपत्ति का इतना कठोर कानून बना है, कितनी कठिनाई आएगी और सरकार नहीं चाहती है कि देशवासियों को कोई कठिनाई आए.
  7. नोटबंदी के बाद हमारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं.
  8. इस बार जब मैंने ‘मन की बात’ के लिये लोगों के सुझाव मांगे, तो मैं कह सकता हूं कि एकतरफ़ा ही सबके सुझाव आए, सब कहते थे कि 500 और 1000 वाले नोटों पर और विस्तार से बातें करें.
  9. जम्मू-कश्मीर के हमारे बच्चे उज्ज्वल भविष्य के लिये, शिक्षा के माध्यम से विकास की नई ऊंचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प है.
  10. सेना के एक जवान ने मुझे लिखा कि हम सैनिकों के लिये होली, दिवाली हर त्योहार सरहद पर ही होता है, हर वक्त देश की हिफाज़त में डूबे रहते हैं लेकिन घर की याद आ ही जाती है लेकिन इस बार घर की याद नहीं आई.

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