नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में नोटबंदी के मुद्दे पर प्रमुखता से बात की. अपनी बात की शुरुआत करने से पहले ही उन्होंने बताया कि उन्हें लोगों से सुझाव आये हैं कि नोटबंदी पर उन्हें और बात करनी चाहिए.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी और सूरत में चाय पर हुई शादी से लेकर असम में चाय के बगीचों में काम करने वाले मजदूरों से मिल रहे समर्थन तक का जिक्र किया. नोटबंदी के बारे में बात करते हुए पीएम ने युवाओं में ख़ास सृजन शक्ति के होने की बात कही.
उन्होंने कहा कि ‘युवाओं के लिए नई तकनीक और मोबाइल बैंकिंग बेहद सामान्य है और मैं सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वह रोजाना कम से कम 10 लोगों को मोबाईल बैंकिंग सिखाएं. एक बार आप गरीब को मोबाइल बैंकिंग सिखा देंगे तो बदले में वह आपको आशिर्वाद देगा.’ प्रधानमंत्री ने व्यापारियों से भी इस यूजर फ्रेंडली व्यवस्था का हिस्सा बनने को कहा.
बता दें कि आज नोटबंदी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले महीने हमने दिवाली मनाई, हर बार की तरह इस बार भी मैंने जवानों के साथ दिवाली मनाई. सेना के एक जवान ने मुझे लिखा कि हम सैनिकों के लिये होली, दिवाली हर त्योहार सरहद पर ही होता है, हर वक्त देश की हिफाज़त में डूबे रहते हैं लेकिन घर की याद आ ही जाती है लेकिन इस बार घर की याद नहीं आई क्योंकि देश ने जिस अनूठे अंदाज़ में दिवाली सेना के जवानों को, सुरक्षा बलों को समर्पित की, इसका असर वहां हर जवानों के चेहरे पर अभिव्यक्त होता था.
पीएम ने ‘मन की बात’ में नोटबंदी पर कहा कि हमारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं. विश्व के मन में प्रश्न-चिन्ह हो सकता है लेकिन भारत को विश्वास है कि देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे.
‘विश्व देख रहा है सवा-सौ करोड़ देशवासियों का यज्ञ’
पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व देख रहा है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी कठिनाइयां झेल करके भी सफलता प्राप्त करेंगे क्या ? 500 और 1000 का नोट और इतना बड़ा देश, इतनी करंसियों की भरमार और ये निर्णय-पूरा विश्व बहुत बारीकी से देख रहा है. कभी-कभी मन को विचलित करने वाली घटनायें सामने आते हुए भी, आपने सच्चाई के इस मार्ग को भली-भांति समझा है.
‘नोटबंदी का फैसला कठिनाइयों से भरा हुआ’
पीएम मोदी ने कहा कि आपकी कठिनाइयों को मैं समझता हूं, भ्रमित करने के प्रयास चल रहे हैं फिर भी देशहित की इस बात को आपने स्वीकार किया है. 70 साल से जिस बीमारियों को हम झेल रहे हैं उन बीमारियों से मुक्ति का अभियान सरल नहीं हो सकता है. पीएम ने कहा कि जिस समय ये निर्णय किया था, आपके सामने प्रस्तुत रखा था, तब भी मैंने सबके सामने कहा था कि निर्णय सामान्य नहीं है, कठिनाइयों से भरा हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि इस बार जब मैंने ‘मन की बात’ के लिये लोगों के सुझाव मांगे, तो मैं कह सकता हूं कि एकतरफ़ा ही सबके सुझाव आए, सब कहते थे कि 500 और 1000 वाले नोटों पर और विस्तार से बातें करें.
‘जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए कृतसंकल्प हैं’
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हमारे बच्चे उज्ज्वल भविष्य के लिये, शिक्षा के माध्यम से विकास की नई ऊंचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प हैं. कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर से, वहां के गांव के सारे प्रधान मिलने आये थे, काफ़ी देर तक उनसे मुझे बातें करने का अवसर मिला. वे अपने गांव के विकास की कुछ बातें लेकर के आए थे. मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप जाकर के इन बच्चों के भविष्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करें.