नई दिल्ली. 1000-500 के पुराने नोट बंद करने के बाद से कैश निकालने पर लिमिट ने बैंक और एटीएम के बाहर जो मेला लगाया है वो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. शनिवार और रविवार की बैंक बंदी ने हालात और खराब कर दिए हैं क्योंकि कैश निकालने का सारा फोकस एटीएम पर शिफ्ट हो गया है.
8 नवंबर की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोट बैन करते हुए बैंकों से चेक के द्वारा एक सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा 24000 रुपए और एटीएम से 2000 रुपए निकालने की सीमा तय कर दी थी. बाद में एटीएम से कैश निकालने की लिमिट बढ़ाकर 500 कर दिया लेकिन हालात बहुत सुधर नहीं पाए.
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वजह ये रही कि 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने से बाजार में बड़े करीब 14 लाख करोड़ रुपए बेकार हो गए. यह रुपया बाजार में मौजूद कुल रुपए का करीब 86 परसेंट था. सरकार बाजार में बेकार हुए 86 परसेंट रुपए की भरपाई 2000 और 500 के नए नोट से कर रही है. 100 रुपए के नए नोट भी छापकर पहुंचाए जा रहे हैं लेकिन 14 लाख करोड़ रुपए को मार्केट में वापस पहुंचाने में कुछ महीने का वक्त लगेगा.
इसलिए जब बैंकों के पास पैसे पर्याप्त मात्र में नहीं हैं तो कैश निकालने पर लिमिट लगाने के अलावा और कोई विकल्प था नहीं. बैंक सोमवार से शुक्रवार तक काम कर रहे थे तो लोग कैश निकालने के लिए चेक लेकर बैंक भी जा रहे थे और एटीएम के बाहर लाइन में लगकर भी पैसे निकाल रहे थे.
लेकिन चौथे शनिवार की छुट्टी और रविवार की बंदी के कारण अब दो दिन बैंक बंद हैं. इस वजह से लोगों की कैश की जरूरत पूरी करने का सारा दबाव एटीएम पर आ गया है जो पहले से ही लोगों की लंबी-लंबी लाइन झेल रही हैं. ऐसे में शनिवार और रविवार को हालात में कोई सुधार होगा, इसके आसार कम हैं.
इंडिया न्यूज़ के रिपोर्टर्स ने देश के कई हिस्सों में एटीएम का जायजा लिया. कुछ जगहों पर एटीएम में कैश मिला लेकिन बहुत सारे एटीएम ऐसे मिले जिसमें पैसा नहीं था और उसके बाहर No Cash का बोर्ड टंगा हुआ था. एटीएम के कैश पर ही अगले दो दिन देश की निगाह टिकी होगी इसलिए एटीएम की लाइन और वहां पर लगने वाला मेला फिलहाल छंटता नहीं दिख रहा.