आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोगलेपन के सबसे बड़े सबूत 26/11 की 8वीं बरसी आज

आज भारत उस 26/11 मुंबई अटैक की 8वीं बरसी मना रहा है जिसने आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोगलेपन को दुनिया के सामने ला दिया था. पाकिस्तान आज भी मुंबई हमले का सबूत मांग रहा है जबकि हमले में शामिल आतंकी कसाब को फांसी भी दे दी गई.

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आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोगलेपन के सबसे बड़े सबूत 26/11 की 8वीं बरसी आज

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  • November 25, 2016 5:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : आज भारत उस 26/11 मुंबई अटैक की 8वीं बरसी मना रहा है जिसने आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोगलेपन को दुनिया के सामने ला दिया था. हमले में शामिल आतंकी कसाब को फांसी भी दे दी गई. हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान आज भी पनाह दे रहा है, लेकिन फिर भी उसको सबूत चाहिए.
 
26 नवंबर की रात होटल ताज में लोग डिनर के लिए अपनी-अपनी टेबल पर जा ही रहे थे कि तभी गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा होटल थर्रा उठा. लोग कुछ समझ पाते इससे पहले आतंकियों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया.
 
26 नवंबर 2008 की रात अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा. हमलावरों ने मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया. पांच सितारा होटल ताजमहल के गुंबद में लगी आग की वो तस्वीरें आज भी लोगों के जेहन में वैसी ही हैं.
 
मुंबई की आन-बान-शान कहे जाने वाले होटल ताजमहल को मिनटों में आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया था और देखते ही देखते पूरे होटल में चीख-पुकार और गोलियों की आवाज गुंजने लगी. इस हमले में आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे सहित मुंबई पुलिस के कई आला अधिकारी सहित 166 लोगों की मौत हो गई.
 
मुंबई में कैसे घुसे आतंकी?
मुंबई हमलों की छानबीन से जो कुछ सामने आया है, वह बताता है कि 10 हमलावर कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे. इस नाव पर चार भारतीय सवार थे, जिन्हें किनारे तक पहुंचते पहुंचते ख़त्म कर दिया गया. रात के तक़रीबन आठ बजे थे, जब ये हमलावर कोलाबा के पास कफ़ परेड के मछली बाज़ार पर उतरे. वहां से वे चार ग्रुपों में बंट गए और टैक्सी लेकर अपनी मंज़िलों का रूख किया.
 
26/11 मुंबई अटैक एक नजर में
1. 26 नवबंर 2008 को 10 आतंकी मुंबई में घुसे.
2. आतंकियों ने अलग-अलग गुट बनाकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ओबराय ट्राइडेंट होटल, ताज होटल पैलेस एंड टावर, कामा    अस्पताल और यहूदियों के कम्यूनिटी सेंटर नरीमन हाउस पर हमला किया.
3. हमले में 166 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मी और 32 विदेश नागरिक शामिल थे. 308 लोग घायल हुए.
4. 10 में से 9 आतंकियों को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) ने मार गिराया. दसवें आतंकी अजमल कसाब को ज‌िंदा पकड़ ल‌िया गया
5. हमले में शामिल जिन्दा पकड़े गए एकलौते आतंकी कसाब को 21 नवंबर 2012 की सुबह फांसी दे दी गई, लेकिन इस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में खुला घूम रहे हैं.
6. सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के थे.

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