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नोटबंदी से बैंकर्स की हालत भी है बेहद खराब, अब तक हो चुकी हैं 11 मौतें

सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से बैंकों और एटीएम के बाहर परेशान होते लोगों को हर एक टीवी चैनल दिखा चुका है. इस दौरान हुई मौतों का जिक्र हर एक राजनेता के मुंह पर है लेकिन इस दौरान जिनकी बात नहीं हुई वह हैं बैंकर्स.

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  • November 25, 2016 9:10 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से बैंकों और एटीएम के बाहर परेशान होते लोगों को हर एक टीवी चैनल दिखा चुका है. इस दौरान हुई मौतों का जिक्र हर एक राजनेता के मुंह पर है लेकिन इस दौरान जिनकी बात नहीं हुई वह हैं बैंकर्स.
 
सरकार के फैसले के बाद से ही यह दिन रात बेहद मेहनत से ना सिर्फ काम कर रहे हैं बल्कि छोटी बड़ी गलती का भुगतान अपनी जेब से भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं बेहद कम लोगों को फिलहाल पता है कि अब तक इस सब के चलते 11 लोगों  की मौत भी हो चुकी है. इंडिया टाइम्स की खबर के मुताबिक इसकी बड़ी वजह नींद का पूरा ना होना, हाई लेवल का स्ट्रेस और लंबे समय तक लगातार काम करते रहना रहा है. 
 
यहां आप कुछ इसी तरह के बैंकर्स की कहानी पढ़ेंगे जो अपनी परेशानियों को एक तरफ रख कर आपके पैसे आपके खातों तक पहुंचाने में लगे हैं. 
 
 1. फेफड़ों के इंफेक्शन के दर्द को भुला कर मनीष है बैंक में मौजूद
 
अजमेर के आईडीबीआई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर काम करने वाले मनीष सिंघल पिछले ढाई महीनो से फेफड़ों के इंफेक्शन का इलाज करवा रहे हैं लेकिन सरकार के नोटबंदी के ऐलान के बाद से मनीष रोजाना बैंक जा रहे हैं. वह सुबह 9 बजे बैंक पहुंचते हैं और रात 9.30 तक काम करते हैं.
 
इस दौरान अपने काम के बारे में मनीष बताते हैं कि ‘लोगों की इतनी भीड़ और काम को देख कर मैं अपना दर्द भूल जाता हूं. मुझे कई बार दवा लेना भी याद नहीं रहता लेकिन मेरी पत्नी मुझे फोन कर याद दिला देती है.
 
2. लोगों की मदद के लिए अनिल नहीं है अपने कैंसर की भी परवाह
 
अनिल कुमार ग्वालियर में UCO बैंक के मैनेजर हैं और ब्लड कैंसर से जूझ रहे हैं. वह नोटबंदी के बाद अपने अनुभव को इस तरह साझा करते हैं कि मेरी लड़ाई दो मोर्चो पर है एक तो मेरे कैंसर से और दूसरी बैंक की सभी ब्रांचों का काम सुचारू रखने की. 
 
3. प्रेग्नेंट होने के बावजूद वर्षा समय पर पहुंच जाती है बैंक
 
लगभग 8 महीनो की प्रेग्नेंसी के बावजूद वर्षा तोमर 12 घण्टे की बैंक ड्यूटी कर रही हैं. दरअसल मध्य प्रदेश के बैंक में काम करने वाली वर्षा तोमर 8 महीनो की प्रेग्नेंट हैं. इनकी मैटरनिटी लीव भी अप्प्रूव हो चुकी थी. बावजूद इसके नोटबंदी के ऐलान के बाद से वर्षा 12 घण्टे की ड्यूटी कर रही हैं. इस बारे में वह कहती हैं कि ‘लंबे समय तक लगातार बैठे रहने से मेरे पैसों में सूजन आ गयी है और मैं जानती हूं कि यह खुद मेरे और मेरे बच्चे के लिए सही नहीं है लेकिन समाज की भलाई के लिए यह काम करना ही होगा.

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