नोटबंदी पर मनमोहन सिंह को RSS का जवाब- ‘PM मोदी अगली पीढ़ी को देख रहे हैं, अगले चुनाव को नहीं’

कालेधन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले पर संसद में आए दिन हंगामा हो रहा है. गुरुवार को भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर पीएम मोदी को घेरा, जिसके बाद अब आरएसएस ने यह कहा है कि पीएम मोदी अगली पीढ़ी के बारे में सोच रहे हैं, अगले चुनाव के बारे में नहीं.

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नोटबंदी पर मनमोहन सिंह को RSS का जवाब- ‘PM मोदी अगली पीढ़ी को देख रहे हैं, अगले चुनाव को नहीं’

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  • November 25, 2016 7:08 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली: कालेधन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले पर संसद में आए दिन हंगामा हो रहा है. गुरुवार को भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर पीएम मोदी को घेरा, जिसके बाद अब आरएसएस ने यह कहा है कि पीएम मोदी अगली पीढ़ी के बारे में सोच रहे हैं, अगले चुनाव के बारे में नहीं.

वेब पोर्टल फर्स्ट पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंदकुमार ने यह बात कही है. उन्होंने कहा है. नंदकुमार ने कहा, ‘मनमोहन सिंह को टॉप के अर्थशास्त्रियों में गिना जाता है, लेकिन यूपीए की सत्ता में प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने क्या काम किया है. बहुत बड़ी मात्रा में कालाधन उनके पीएम रहते हुए ही बना. ब़ड़े-बड़े घोटाले हुए जिनसे कालाधन उत्पन्न हुआ. क्या वह एक तरह से देश को लूटने के लिए आयोजित किया गया तरीका नहीं था.’
 
नंदकुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले के पीछे किसी तरह का कोई राजनीतिक मकसद नहीं है. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के पीछे किसी तरह की कोई राजनीति नहीं है, मोदी ने यह ऐतिहासिक फैसला एक राजनीतिक व्यक्ति की तरह नहीं लिया है बल्कि एक सुधारक के रूप में लिया है. वह नई पीढ़ी की तरफ देख रहे हैं, अगले चुनाव की तरफ नहीं.’
 
बता दें कि काफी लंबे समय के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए गुरुवार को राज्यसभा में कहा था कि यह कानूनी लूट-खसोट का मामला है.
 
उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के प्रोसेस को बुरी तरह से हैंडल किया है. इस फैसले से सभी सेक्टर के लोगों पर असर पड़ा है. छोटे व्यापारियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. आरबीआई, पीएमओ इसे सही तरीके से लागू करने में बुरी तरह फेल रहे हैं.’
 

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