नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर अलग-अलग डिफेक्ट के साथ 2000 और 500 के नोट काफी समय से दिखाई दे रहे थे और अब खुद आरबीआई ने इसे स्वीकार किया है. हालांकि आरबीआई का बयान 500 रूपये के नोट के सन्दर्भ में आया है.आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा है कि जल्दबाजी में नोट छापे गए हैं इसलिए कुछ नोटों में प्रिंटिंग मिस्टेक है, लेकिन दोनों तरह के नोट असली हैं और उसे स्वीकार किया जाएगा.दरसअल कालाधन, जालसाजी व नकली नोटों पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाये गए नए नोटों में कई छोटे-बड़े फर्क देखने को मिल रहे हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक़ दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि ‘500 के नोटों में अशोक स्तंभ, सीरियल नम्बर के साइज़ में तो फर्क है ही. साथ में महात्मा गांधी की तस्वीर की परछाई भी ज्यादा दिखाई दे रही है.’
इस पर आरबीआई के प्रवक्ता अल्पना किल्लावाला ने कहा है कि ‘यह प्रिंटिंग डिफेक्ट लगता है जो कि मौजूदा स्थितियों की वजह से हुआ है. लोग इस तरह के नोटों को आराम से स्वीकार कर सकते हैं या आरबीआई में आकर वापस कर सकते हैं. बता दें इस से पहले गुजरात में 2000 का पहला नकली नोट देखने को मिला था.
इसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की उलझनों का फायदा नकली नोट चलाने वालों को मिल सकता है. जब 500 के नोटों के फीचर्स में भेद होगा तो लोग भी असली और नकली नोटों के अंतर को नहीं पकड़ पाएंगे.