कालेधन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले के बाद से ही विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अब नोटबंदी के फैसले पर केंद्र सरकार के साथ-साथ आरएसएस को घेरते हुए यह कहा है कि हो सकता है कि संघ के आदेश पर ही यह फैसला किया गया हो.
क्या RSS को लोगों की पीड़ा का आनंद आ रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं, संघ के आदेश पर ही यह किया गया? मोहन भागवत चुप क्यों है?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016
हम काले धन के सख़्त विरोधी हैं। काले धन वालों को दबोचो। किंतु इसके नाम पर आप पूंजीपतियों की गोद में बैठकर आम लोगों को परेशान नहीं कर सकते?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016
देश का किसान निर्धन सही, किन्तु निर्बल नहीं है।भूखे किसान व निर्धन को सताने में प्रधानमंत्री को कौन सा नैसर्गिक सुख प्राप्त हो रहा है?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016
तुमने जो हंगामा खड़ा किया है, उसके शोर-शराबे में करोडों लोगों के भूख और पीड़ा से कराहने की आवाज दब रही है, पर समझ लो अब और नहीं दबेगी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016
PM बताये कि रुपये की कमजोरी और बदतर हालात का ज़िम्मेवार कौन है? इस कदम से GDP ग्रोथ रेट जो गोते खाएगी, उसकी भरपाई में कितने वर्ष लगेंगे?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016
इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था में अव्यवस्था की छवि वाला जो नकारात्मक सन्देश पूरे विश्व में गया है, उससे उबरने में कितने सालों की बलि चढ़ेगी?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 24, 2016