सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से टैक्स चोरी से बनाया गया या किसी भी तरह का काला धन रातों रात ख़ाक में तब्दील हो गया.
नई दिल्ली. सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से टैक्स चोरी से बनाया गया या किसी भी तरह का काला धन रातों रात ख़ाक में तब्दील हो गया.
अब यह लोग आयकर विभाग के एक्शन से बचने के लिए अपने पैसों को आग लगाते और नदियों में बहाते दिख रहे हैं या फिर सरकार के समक्ष इसे सरेंडर कर जान छुड़ाने का सोच रहे हैं लेकिन अपने ही देश में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां इस नोटबंदी के चलते किसी को अपनी कमाई की फ़िक्र नहीं हुई.
ऐसा इसलिए क्योंकि नार्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में अनुसूचित जनजाति के लोगों की कमाई पर आयकर नहीं लगता है. इसकी शर्त बस इतनी है कि वह कमाई उसी राज्य से की गई हो. फिर वो कमाई कुछ भी क्यों ना हो, उस पर टैक्स नहीं लगता. इन राज्यों में नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल है, जहां की अनुसूचित जनजाति के लोगों को आईटी एक्ट के तहत यह सुविधा प्राप्त है.
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असम के नार्थ कछार हिल्स और मिकिर हिल्स, मेघालय के खासी हिल्स, गारो हिल्स और जैन्तिया हिल्स में भी अनुसूचित जनजाति के लोगों को यह सुविधा प्राप्त है. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में भी एसटी को ये सुविधा है. सिक्किम मूल के लोगों को भी ऐसी ही रियायत प्राप्त है.
असल में यह प्रावधान पिछड़े लोगों और पिछड़े इलाकों को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया एक कदम है. जिसका जिक्र आईटी एक्ट में मिलता है. हालांकि नोटबंदी के फैसले के बाद हर वो आदमी जो काले धन को किसी भी तरह बचाना चाह रहा है, इसी तरह के जरिए तलाश रहा है, जिसमें अगर कोई आज पैसा लेकर बाद में भी दे दे तो वो तैयार है.
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