नई दिल्ली: लड़कियों के प्रति हिंसा, शोषण और दुर्व्यवहार हमारे देश में कोई नई बात नहीं है. अमूमन हर रोज ही अखबारों, टीवी पर इस तरह की खबरों को पढ़ते हैं. ऐसी खबरें हमारी रोजमर्रा की जिदंगी का हिस्सा बन गई हैं. महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा और शोषण की घटनाओं को लेकर चार देशों- भारत, थाईलैंड, ब्राजील और इंग्लैंड में की गई. इस सर्वे में पाया गया कि भारत में 18 साल की उम्र से पहले ही 41 फीसदी महिलाओं ने शारीरिक शोषण का सामना किया है.
एक्शन एड नाम की संस्था ने अपने सर्वे में पाया कई चौंकाने वाले आंकड़ें दिए हैं. सबसे हैरान करने वाला आकंड़ा ये बताता है कि 10 साल से भी कम उम्र में लड़कियां पहली बार शोषण का शिकार हुई. भारत में ये आकंड़ा 6 फीसदी है तो ब्राजील में 16 और थाईलैंड में 8 फीसदी है. वहीं विकसित देश कहे जाने वाले ब्रिटेन में ये आंकड़ा 12 फीसदी का है.
रिसर्च में ये भी पाया गया कि पिछले महीने में सिर्फ भारत में ही एक तिहाई यानि 73 फीसदी महिलाओं ने किसी ना किसी तरीके से शोषण का सामना किया है. शोषण के इस मामले में अन्य देशों से भी चौंकाने वाले आकंड़ें आए हैं. सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं में से थाईलैंड की 67 फीसदी, ब्राजील की 87 फीसदी और इंग्लैंड की 57 फीसदी महिलाओं ने पिछले महीने शोषण और हिंसा का शिकार होने की बात मानी.
25 से 34 साल की महिलांए ज्यादा होती हैं शिकार
पिछले महीने भारत में हर चार में से एक यानि 26 फीसदी महिलाएं जबर्दस्ती छूने या गलत तरीके से हाथ लगाने की शिकार हुई. थाईलैंड में ये आकंड़ा 26 फीसदी, ब्राजील में 20 और यूके में 16 फीसदी है. इस सर्वे में 16 और उससे ज्यादा उम्र की 2200 महिलाओं को शामिल किया गया था. ये सर्वे 10 दिसंबर को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के लिए किया गया. सर्वे में ये पाया गया कि 25 से 34 साल की महिलाएं इस तरह की हिंसा का शिकार ज्यादा होती हैं.
वहीं भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर बुधवार को प्रतिष्ठित इंडिया गेट को नरंगी रंग की रोशनी से रोशन किया गया. यह वैश्विक ‘ऑरेंज द वर्ल्ड’ अभियान का हिस्सा है.