500 और 1000 के बैन नोट बदलने लोग क्यों जा रहे हैं असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम ?

नोटबंदी के बाद से ही काला धन रखने वाले 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने की तमाम तरकीब लगा रहे हैं ताकि 31 दिसंबर या 31 मार्च के बाद भी उनके पास उतने मूल्य का दूसरा नोट रहे या कम से कम कोई बाद में भी वापस करने का भरोसा देकर उसे अपने खाते में जमा कर ले.

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500 और 1000 के बैन नोट बदलने लोग क्यों जा रहे हैं असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम ?

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  • November 24, 2016 10:13 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद से ही काला धन रखने वाले 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने की तमाम तरकीब लगा रहे हैं ताकि 31 दिसंबर या 31 मार्च के बाद भी उनके पास उतने मूल्य का दूसरा नोट रहे या कम से कम कोई बाद में भी वापस करने का भरोसा देकर उसे अपने खाते में जमा कर ले.
 
दरअसल नार्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में अनुसूचित जनजाति के लोगों की कमाई पर आयकर नहीं लगता है. बस शर्त है कि वह कमाई उसी राज्य से की गई हो. फिर वो कमाई कुछ भी क्यों ना हो, उस पर टैक्स नहीं लगता.
 
काला धन वालों की की नज़र अनुसूचित जनजाति के ऐसे ही लोगों पर है जिनके खाते में वो कोई भी रकम डाल सकते हैं क्योंकि उन्हें टैक्स नहीं लगता. बाद में ऐसे लोगों से वो इकरारनामा के तहत कभी भी तय कमीशन देकर अपने पुराने नोट के बदले नए नोट ले सकते हैं.
 
 
इन राज्यों में नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश शामिल है, जहां की अनुसूचित जनजाति के लोगों को आईटी एक्ट के तहत यह सुविधा प्राप्त है. असम के नार्थ कछार हिल्स और मिकिर हिल्स, मेघालय के खासी हिल्स, गारो हिल्स और जैन्तिया हिल्स में भी अनुसूचित जनजाति के लोगों को यह सुविधा प्राप्त है. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में भी एसटी को ये सुविधा है. सिक्किम मूल के लोगों को भी ऐसी ही रियायत है.
 
यह प्रावधान पिछड़े लोगों और पिछड़े इलाकों को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया एक कदम है लेकिन जब नोटबंदी के फैसले के बाद हर वो आदमी जो काला धन को किसी भी तरह बचाना चाह रहा है, इस तरह के जरिए तलाश रहा है जिसमें अगर कोई आज पैसा लेकर बाद में भी दे दे तो वो तैयार है.
 
 
मंगलवार को बिहार के बिजनेसमैन कहे जा रहे अमरजीत सिंह नाम के एक आदमी के हरियाणा से चार्टर्ड प्‍लेन से उड़कर नगालैंड के दीमापुर एयरपोर्ट जाने की खबर आई थी. बताया गया कि उनके पास 3.50 करोड़ रुपए थे. एयरपोर्ट पर पकड़े गए फिर नगालैंड के किसी नेता ने उन्हें छुड़ाया और फिर पैसा भी बाहर हो गया और वो भी बाहर हो गए.
 
बिहार की मीडिया ने मुंगेर में अमरजीत सिंह नाम के करोड़पति बिजनेसमैन की खोजबीन की पर कोई मिला नहीं. मतलब, बिहार का बिजनेसमैन होने की बात झूठी है. हरियाणा से ही कोई आदमी किसी का काला धन लेकर वहां गया होगा लेकिन पकड़े जाने पर गलत पहचान बता दी होगी.
 
ऐसे लोग जाहिर तौर पर वहां के अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोकल लोगों की मदद से 31 दिसंबर या 31 मार्च के बाद बेकार होने जा रहे 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने की कोशिश कर रहे हैं. वहां के लोग इनके पैसे अपने बैंक खाते में जमा करके उसे आने वाले समय में नए नोट से बदल देंगे और उनको कोई टैक्स भी नहीं देना होगा. बदले में ऐसे लोग उन्हें कुछ कमीशन दे सकते हैं.
 
 
दूसरी जगहों से अपने काला धन को लेकर वहां जा रहे लोगों का रुपया अगर वहां ऐसी तरकीब से चेंज हो भी गया या बैंक में जमा हो गया और बाद में वापस मिला भी तो रहेगा वो काला ही क्योंकि उसे वो अपनी आय में तो दिखाएंगे नहीं.
 
ऐसी ही शिकायतों के बाद सरकार ने जन धन योजना के बैंक खातों में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा करने पर रोक लगा दी थी क्योंकि काला धन वाले लोग गरीब लोगों की मदद से अपने पैसे इन खातों में जमा कर रहे थे.

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