सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अभी तक लोकपाल की नियुक्ति न होने पर केंद्र को फटकार लगाते हुए निराशा जाहिर की. कोर्ट ने मोदी सरकार से पूछा कि क्या मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति में अपना पूरा कार्यकाल खत्म कर देगी?
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अभी तक लोकपाल की नियुक्ति न होने पर केंद्र को फटकार लगाते हुए निराशा जाहिर की. कोर्ट ने मोदी सरकार से पूछा कि क्या मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति में अपना पूरा कार्यकाल खत्म कर देगी?
बता दें कि 1 जनवरी 2014 के दिन लोकपाल एक्ट को नोटिफाई किया गया था. नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से लोकपाल के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश करने वाली सर्च कमिटी में विपक्ष के नेता को सदस्य बनाने की जगह सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के लीडर को जोड़ने का बदलाव अभी भी नहीं किया है.
वहीं इस पर सरकार का कहना है कि लोकपाल बिल को जल्दबाजी में लाया गया था और इसमें कई कमियां है. इसे ठीक किया जाना जरुरी है. अदालत को कानून मंत्रालय ने बताया कि बिना इन कमियों को ठीक किये लोकपाल प्रभावी तौर पर काम नहीं कर पायेगा.
इसे लेकर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की बेंच को बताया कि ‘सिलेक्ट कमिटी को यह एक्ट रेफर किया गया है. इस कमिटी ने कानून में कई बदलावों की सिफारिश की है. संसद को इन सुझावों पर विचार करने में समय लगेगा.’
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भरष्टाचार से निपटने के लिए बनाये गए इस कानून को बनाने में हो रही देरी से वह परेशान है. यह सब बातें कोर्ट ने तब कहीं जब सीनियर ऐडवोकेट शांति भूषण ने जानना चाहा कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी तक शुरू क्यों नहीं हुई है.