काले धन और जाली नोटों पर शिकंजा करने के लिए सरकार के नोटबंदी के फैसले के 15 दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में ही 2000 का पहला नकली नोट देखने को मिला है. इससे पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में 2000 के नोट की फोटोकॉपी से लोगों को मूर्ख बनाये जाने की खबर आई थी.
गुजरात. काले धन और जाली नोटों पर शिकंजा करने के लिए सरकार के नोटबंदी के फैसले के 15 दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में ही 2000 का पहला नकली नोट देखने को मिला है. इससे पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में 2000 के नोट की फोटोकॉपी से लोगों को मूर्ख बनाये जाने की खबर आई थी.
यह नोट अहमदाबाद के रहने वाले वंश बारोट को कोई थमा कर गया था. वंश ने लंदन से एमबीए किया है और हाल ही में एक पान की दुकान की फ्रेंचाइजी ली है. उनकी दुकान पर कोई उन्हें यह नोट उनके स्टाफ को दे गया था. वंश ने जब इस नोट को देखा तो उन्हें शक हुआ.
बता दें कि देश के दूसरे हिस्सों में मिले नकली नोट सिर्फ इस नोट की फोटोकॉपी थे लेकिन इस नकली नोट में महात्मा गाँधी का वॉटरमार्क समेत नकली धागा भी मौजूद था. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक़ वंश ने उन्हें बतया कि जब नोट को असली 2000 के नोटों से मिला कर देखा गया तब जा कर पता चला कि उन्हें दिया गया नोट नकली था.
इसके बाद वंश ने इस नोट को आरबीआई के हवाले कर दिया. वंश की दुकान ,में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन उनकी फुटेज से इस बात की पहचान नहीं हो पाई है कि उन्हें यह नोट किसने दिया. नए नोटों के बाज़ार में आने से लोग अभी असली और नकली नोट का फर्क भी नहीं पहचानते हैं. ऐसे में नकली नोटों का चलना आसान हो गया है.