नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर झूठ और सच एक रफ्तार से दौड़ रहे हैं. नोट बैन के बाद कई तरह की झूठी और सच्ची चीजें वायरल हुईं. अभी 1 अप्रैल, 2017 से ई प्रॉपर्टी पासबुक की शुरुआत के संदेश दौड़ रहे हैं लेकिन ये फिलहाल अफवाह भर है. लेकिन अगर कल को सच हुआ तो क्या-क्या हो सकता है, उस पर एक नज़र डालिए.
जो मैसेज वायरल हुआ पड़ा है वो झूठ है लेकिन अगर सच में सरकार कल को इस तरह की कोई स्कीम लेकर आ जाती है तो उसके कुछ न कुछ नियम और कानून होंगे. इस मैसेज के साथ जो नियम बताया जा रहा है, बस उस पर एक नज़र डाल लीजिए ताकि अंदाजा लग सके कि अगर ऐसा कुछ भविष्य में होता है तो क्या-क्या हो सकता है.
सोशल मीडिया पर वायरल इस झूठी खबर में बताया गया है कि ई प्रॉपर्टी पासबुक योजना 1 अप्रैल, 2017 से लागू होगी और उस दिन से 31 मार्च, 2018 तक कोई भी आदमी कोई प्रॉपर्टी तब तक ना बेच सकेगा और ना खरीद सकेगा, जब तक कि वो अपनी सारी प्रॉपर्टी को रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर अपने ई प्रॉपर्टी पासबुक में दर्ज ना कर ले.
वायरल मैसेज के मुताबिक ई प्रॉपर्टी पासबुक को लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड से जोड़ दिया जाएगा ताकि जब भी कोई प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री करे तो सरकार को ऑनलाइन ही पता चल जाए कि इस प्रॉपर्टी के लिए डील हुई है और इसका मालिक बदल चुका है.
ई प्रॉपर्टी पासबुक में अगर किसी प्रॉपर्टी की एंट्री 31 मार्च, 2018 तक नहीं होती है तो इस वायरल मैसेज के मुताबिक वो संपत्ति सरकार उसके बाद जब्त कर लेगी. पासबुक में प्रॉपर्टी लिस्ट होने के बाद ही उसे बेचा या खरीदा जा सकेगा.