नई दिल्ली. कालेधन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं. संसद का शीतकालीन सत्र जब से शुरू हुआ है तब से ही विपक्ष लगातार मोदी सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा कर रहा है, इतना ही नहीं विपक्ष संसद में रोज हंगामा भी कर रहा है.
अब विपक्ष ने इसके विरोध में 28 नवंबर को आक्रोश दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. विपक्ष ने ऐलान किया है कि वह 28 नवंबर को केंद्र सरकार से नोटबंदी पर आर-पार की लड़ाई करेगा. ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर सरकार से सीधी लड़ाई का ऐलान कर दिया है.
उनके नेतृत्व में ही कई विपक्षी दल इस दिन सरकार का विरोध करेगी. विपक्ष की मांग है कि सरकार नोटबंदी का फैसला जितनी जल्दी हो सके वापस ले. 28 नवंबर के दिन देशभर में विपक्ष केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेगी.
आज ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने दिल्ली के जंतर मंतर में धरना दिया है. इस धरने में केवल टीएमसी ही नहीं जेडीयू और सपा के नेता भी शामिल हुए. जेडीयू के नेता शरद यादव और सपा नेता जया बच्चन इस वक्त जंतर मंतर पर मौजूद हैं.
विपक्ष ने आज संसद के सामने भी गांधी प्रतिमा के पास सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया था. आज संसद के दोनों सदनों में भी नोटबंदी पर हंगामा हुआ, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.