नई दिल्ली. भारत में एमबीए के लिए मशहूर संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ने का सपना हर उस स्टूडेंट का होता है जो बिजनेस की दुनिया में अपना करियर बनाना चाहता है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 20 में से 13 आईआईएम में डायरेक्टर ही नहीं हैं.
जी हां, करीब 13 आईआईएम बिना डायरेक्टर के काम कर रहे हैं. इस बात की जानकारी खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दी है. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने लोकसभा में लिखित में यह बात कही है कि बैंगलुरू, कोझिकोड, रोहतक, रांची, रायपुर, उदयपुर, तिरुचिरापल्ली, अमृतसर, सिरमोर, बोध गया, संबलपुर, नागपुर और विशाखापट्टनम के आईआईएम बिना फुल टाइम डायरेक्टर के काम कर रहे हैं.
महेश ने यह भी बताया कि इन सभी आईआईएम में नए डायरेक्टर की नियुक्ति होने तक के लिए प्रमुख आईआईएम के निदेशक छह नए आईआईएम (सिरमौर, संभलपुर, विशाखापट्टनम, बोध गया, अमृतसर, नागपुर) का संचालन कर रहे हैं.
नाम पर निर्णय लेना बाकी
न्यूज पोर्टल टीओआई में छपी खबर के मुताबिक 13 में से 10 आईआईएम के निदेशक के नामों को सर्च-कम-सेलेक्शन कमिटी ने छह महीने पहले ही फाइनल कर दिए थे, जिनकी लिस्ट अभी एचआरडी मिनिस्ट्री के पास है. आईआईएम रायपुर, बैंगलुरू, रोहतक और रांची के डायरेक्टर की लिस्ट तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति इरानी ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) को भेज दिए थे, जिन्हें कुछ फेरबदल करने के बाद डिपार्टमेंट ने एचआरडी मिनिस्ट्री में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास विचार करने के लिए वापस भेज दिए थे. जावड़ेकर को अभी भी उन नामों पर निर्णय लेना है.