नई दिल्ली. इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के चलते 146 लोगों की मौत हो गयी. इतना ही नहीं पिछले 6 (2009-10 से 2014-15) सालों के रेल हादसों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलेगा कि इस दौरान हुए कुल 803 हादसों में से सबसे ज्यादा 373 ट्रेन के पटरी से उतर जान की वजह से हुए.
ऐसे में सवाल उठता है कि इन दुर्घटनाओं की वजह क्या है? और इसका जो सबसे पहला जवाब सामने आता है वह है रेलवे का खराब इंफ्रास्ट्रक्चर. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे सेफ्टी स्टाफ की कमी का होना सबसे बड़ी वजह है. बता दें कि सेफ्टी कैटिगरी में करीब 1.27 लाख कर्मचारियों के पद अब तक खाली हैं.
जब बात सेफ्टी स्टाफ की होती है तो इसमें ट्रैकमेन, पॉइंटमेन, पैट्रोलमेन, टेक्निशंस और स्टेशन मासटर्स के पद आते हैं और यह सभी लोग ट्रेनों के संचालन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं. ऐसे में रेलवे में इनकी कमी दुर्घटनाओं की आशंका को हमेशा बनाये रखती है.
इतना ही नहीं इस स्टाफ की कमी को अक्सर रेलवे के दूसरे कर्मचारी पूरा करते हैं ऐसे में उनके अपने काम के साथ-साथ कई और काम भी देखते हुए दिन में 15 घण्टों से भी ज्यादा काम करना पड़ता है. इस से काम की गुणवत्ता पर असर पड़ना लाज़मी है. वहीं बात अगर रेलवे में पदों को भरे जाने की हो तो आपको जान कर हैरानी होगी कि इस तरह के खाली पदों की संख्या 1.42 लाख थी जो तीन साल में सिर्फ 19,500 कम हुई है.
रेलवे मंत्रालय की सूचना के अनुसार रेलवे में 2.17 लाख कर्मचारियों की कमी है. इनमे से 1.27 लाख सेफ्टी कैटिगरी में है.
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