जनता परेशानी उठाने को तैयार तो फिर नेता क्यों परेशान?

देश में नोटबंदी के बाद हर कोई परेशान है फिर भी ज्यादातर लोग खुश हैं कि कालाधन के खिलाफ पहली बार बड़े पैमाने पर एक्शन शुरू हुआ है. सड़क पर कतार में लगे लोगों की बात करें तो पैसों के लिए दिक्कत के बावजूद कहीं अभी तक कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ है, लेकिन नोटबंदी पर संसद में सिर्फ हंगामा ही हंगामा है.

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जनता परेशानी उठाने को तैयार तो फिर नेता क्यों परेशान?

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  • November 21, 2016 3:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. देश में नोटबंदी के बाद हर कोई परेशान है फिर भी ज्यादातर लोग खुश हैं कि कालाधन के खिलाफ पहली बार बड़े पैमाने पर एक्शन शुरू हुआ है. सड़क पर कतार में लगे लोगों की बात करें तो पैसों के लिए दिक्कत के बावजूद कहीं अभी तक कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ है, लेकिन नोटबंदी पर संसद में सिर्फ हंगामा ही हंगामा है.
 
आज भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जबकि सरकार इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है. नोटबंदी पर चर्चा का नोटिस भी विपक्ष ने ही दिया था, जिसमें अब रोज़ नई-नई शर्तें जोड़ी जा रही हैं. कभी प्रधानमंत्री को राज्यसभा में पेश करने की मांग होती है, तो कभी नोटबंदी के चलते जिन लोगों की मौत हुई है, उन्हें संसद में श्रद्धांजलि देने का शोर गूंजने लगता है.
 
सड़क पर भी टीएमसी और कांग्रेस के नेता अब नोटबंदी का विरोध करने में जुट गए हैं. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बिना तैयारी किए पूरे देश को बैंकों और एटीएम की लाइन में लगा दिया है. पांच सौ और हज़ार रुपये के पुराने नोटों को लेकर रोज़ नई-नई गाइडलाइंस जारी होने पर भी सवाल उठ रहे हैं.
 
इंडिया न्यूज के खास शो टुनाइट विद दीपक चौरसिया में आज इसी मुद्दे पर हुई बड़ी बहस

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