नई दिल्ली– चंद्र शेखर वेंकट रमन का निधन आज के दिन 21 नवंबर, 1970 को हुआ था. रमन पहली ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने विज्ञान में दुनिया भारत को ख्याति दिलाई थी. उन्हें साल 1930 में ही नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. आज उनकी पुण्य तिथि है आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें…
सीवी रमन ने शून्य और दशमलब प्रणाली की खोज और पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमने के बारे में बताया था. रमन का हमेशा ये भी मानना था कि महिलाएं विज्ञान के क्षेत्र में जाने पर पुरुषों की तुलना में अधिक अच्छा कर सकती हैं.
परिचय-
इनका जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 7 नवंबर 1888 को हुआ था. इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर एक स्कूल में पढ़ाते थे. उन्हें फिजिक्स और गणित में महारथ हासिल होने के साथ-साथ संगीत प्रेम भी था. सीवी के पिता को पढ़ने का बहुत शौक था इसलिए उनके घर में एक छोटी सी लाइब्रेरी थी. इसलिए रमन को छोटी उम्र में ही किताबों से प्यार हो गया था. संगीत से लगाव भी बचपन से ही था उसके बाद उनकी रुचि वैज्ञानिक खोज में होने लगी.
उपलब्धिया-
- सीवी रमन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय होने के साथ-साथ पहले अश्वेत भी थे.
- वे अपने पुरस्कार जीतने को लेकर इतने ज्यादा सचेत थे कि घोषणा से चार महीने पहले ही स्वीडन का टिकट बुक करा लिया था.
- वे साल 1929 में संपन्न होने वाले 16वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.
- इन्हें भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है.
- ‘रमन प्रभाव’ की खोज 28 फ़रवरी 1928 को हुई थी. इस महान खोज की याद में 28 फ़रवरी का दिन भारत में हर वर्ष ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
- साल 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- रमन ने साल 1917 में सरकारी नौकरी छोड़ कर ‘इण्डियन एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस’ के अंतर्गत भौतिक शास्त्र में चेयर स्वीकार कर ली थी और कलकत्ता विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई.