नई दिल्ली. जब दुनिया के सारे सनकी एक जगह इकट्ठा हो जाएं तो क्या होगा. जब इन पागलों पर रेस की सनक चढ़ जाए तो क्या होगा.जब रेस का नियम ये बन जाए कि गाड़ी चलाओ और जान बचाओ तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये रेस कितनी खतरनाक होगी. आज हम आपको दिखाते हैं दुनिया के सबसे बड़े सनकियों की वो रेस.
मिट्टी का पहाड़ बीच में छोटा रास्ता और सनक इस रास्ते से लगभग दो टन की गाड़ी को फर्राटे से निकाल देने की. पहाड़ को देखिए मिट्टी का है.मतलब दबाव पड़ने पर धंस भी सकता है और अगर दबाव दो टन यानि 200 किलो का हो तो फिर ऐसा कारनामा करने का हौंसला मिट्टी में मिलना तय दिखता है.
मिट्टी की पहाड़ी पर सीधी गाड़ी चढ़ाकर पार करने से पहले सनकियों को एक गड्ढे से भी गुजरना पड़ता है. लेकिन इन सारे खतरों की परवाह किए बगैर ये सनकी गाड़ी को सीधे टॉप गियर में डालकर निकल. क्योंकि एक निश्चित ऊंचाई पर पहुंचकर बिल्कुल सीधी हो जाती है. मतलब गुर्त्वाकर्षण का नियम भी वहां पर काम नहीं करता और ये सनकी अपनी गाड़ी को ऐसी जगह से निकालना चाहता है.
गाड़ी टॉप गियर में तेज़ी से बढ़ती हुई ऊपर चढ़ती है. लेकिन तकरीबन 80 डिग्री पर जाकर फंस जाती है.अब गाड़ी पहाड़ी पर ऐसी फंसी है कि ज्यादा क्लच पर जोर लगाएं तो उसके पलटने का भी खतरा है.क्योंकि अगले टायर तो गड्ढे में फंसे हैं. अचानक ही गाड़ी नीचे सरकने लगती है.एक और सनकी ऊपर से भागता हुआ नीचे आता है.
ड्राइवर की तरफ का दरवाज़ा खोलता है.उसे कुछ समझाता है दरवाजा बंद होता है और सनकी ड्राइवर एक बार फिर गियर लगाता है. दोबारा कसरत शुरु होती है, लेकिन गाड़ी फिर उसी ऊंचाई पर पहुंचकर वापस नीचे आ जाती है.बार बार ऐसा करने से आस पास गड्ढा भी बन गया है जो इस डेथ रेस को और खतरनाक बनाता जा रहा है.
हर कोशिश के साथ ड्राइवर मौत के और करीब होता जा रहा है.गाड़ी के अगले सिरे से एक लोहे का तार बांधा जाता है और दोबारा कोशिश शुरु होती है, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिलती लगातार कोशिश के बाद गाड़ी थोड़ा ऊपर तो पहुंचती है. लेकिन उसके सफल होने से ज्यादा उलट जाने का डर पैदा हो जाता है.
पिछला पहिया धड़कनों की तरह धौंकनी की तरह घूमता है मिट्टी उड़ती है, धुंआ उड़ता है और अचानक गाड़ी थोड़ा साइड में खिसक जाती है. अब पिछले एक पहिए हवा में सांस अटकी है. क्योंकि अगर यहां से गाड़ी पलटी तो तय मानिए कि मौत से बचे तो अस्पताल में 6 महीने गुजारने की पड़ेंगे.