8 नवम्बर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से हर वह शख्स परेशान है जिसके पास बड़ी मात्रा में कैश है लेकिन उनसे भी ज्यादा परेशान वह लोग हैं जिनके पास खून-पसीने की कमाई और पाई-पाई कर बचाया हुए पैसा घर में हैं और वह संख्या में ढाई लाख से ज्यादा है.
नई दिल्ली. 8 नवम्बर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से हर वह शख्स परेशान है जिसके पास बड़ी मात्रा में कैश है लेकिन उनसे भी ज्यादा परेशान वह लोग हैं जिनके पास खून-पसीने की कमाई और पाई-पाई कर बचाया हुए पैसा घर में हैं और वह संख्या में ढाई लाख से ज्यादा है.
ऐसे में यह मान लेना सही नहीं होगा कि ढाई लाख रूपये से ज्यादा का कैश ब्लैक मनी ही होगा. यहां यह समझने की जरुरत है कि ब्लैक मनी पर लिए जाने वाला ऐक्शन 1961 के इनकम टैक्स एक्ट के तहत ही लिया जाता है. यहां हम इसी से जुड़े कुछ नियम स्पष्ट करने जा रहे हैं.
1. बेफिक्र होकर जमा कराएं ढाई लाख तक की राशि
अगर आपको बैंक में ढाई लाख तक की राशि जमा करानी है तो बेफिक्र होकर जमा करायें क्योंकि सरकार इसे सरकार ने हर तरह की पैनेल्टी से बाहर रखा है.
2. 10 लाख जमा करने पर
अगर आपने बैंक में 10 लाख रूपये तक जमा कराये हैं तो भी शायद ही आपसे आयकर विभाग पूछताछ करे. जानकारों का कहना है कि इस राशि को ऐसा नहीं समझा जाता कि कोई कमा ना सके. इसलिए इसे मिडल क्लास के दायरे में मान कर चला जाता है.
3. 50 लाख की राशि होने पर
यह बात साफ़ है कि 10 लाख से ऊपर का कोई भी कैश डिपाजिट सरकार की नज़रों में होगा. ऐसे में हो सकता है आयकर विभाग आपसे इस पर सफाई मांगे. ऐसे में कोई तार्किक वजह आप नहीं बता पाए तो उस पर 30 % की पैनल्टी और 200% जुर्माना लगना तय है.
बता दें इस पैनेल्टी और जुर्माने को लगाने के लिए आयकर विभाग को साबित करना होगा कि रकम का रिकॉर्ड आपके पास नहीं था या उसे गलत ढंग से छिपाया गया है. आयकर विभाग यह कार्रवाई 1961 एक्ट के सेक्शन 115बीबीई, सेक्शन 68 और सेक्शन 270ए के तहत की गयी है.