शिरडी. श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने रविवार को ऐलान किया है कि अब 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार नहीं किए जाऐंगे. ट्रस्ट ने अब से पुराने नोट से मिलने वाला चंदा भी बंद कर दिया गया है. ट्रस्ट के मुख्य अकाउंटेंट बाबा साहब घोड़पड़े ने बताया कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर पुराने नोट बंद करने के बाद मंदिर ट्रस्ट ने दान और अन्य लेन-देन क्रेडिट व डेबिट कार्ड से करना शुरू कर दिया है.
घोड़पड़े ने कहा कि बंद हो चुके नोट मंदिर की हुंडियों में पाए गए हैं और इन्हें ट्रस्ट राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करा रहा है. नोटबंदी के बाद से मंदिर को अभी तक जो भी पुराने नोट बरामद हुए हैं उसे वह बैंकों में जमा कर रहे हैं. अब ट्रस्ट ने तय किया है कि वह 500 और 1000 के नोट चंदे या दान के रूप में नहीं लेगा.
वहीं वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने कटरा से लेकर भवन तक यात्रियों की सुविधाएं और दान के लिए स्वैप मशीन लगाई हैं. बोर्ड ने दान में आने वाले 500 और 1000 के नोट भी लेना बंद कर दिए है और दान भी इन स्वैप मशीनो के जरिए लिया जा रहा है.
बता दें कि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद से 500 और 1000 के नोट बंद हो गए हैं. नोट बदलने और जमा करने के लिए बैंक 10 नवंबर से खोले गए हैं. 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक कुल 50 दिनों का समय दिया गया है नोट बदलवाने के लिए. उसके बाद भी अगर कोई पुराना नोट जमा करता है तो उसे पहचान पत्र दिखाना होगा.