नई दिल्ली. JNU के प्रोक्टर की तरफ से नजीब अहमद पर हुए हमले की जांच में एक ABVP कार्यकर्ता को दोषी पाया गया है. JNU का छात्र नजीब लगभग पिछले एक महीने से लापता है.
दरअसल 27 वर्षीय नजीब उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है. वह जेएनयू में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र है. वह विश्वविद्यालय परिसर में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई कथित हाथापाई के एक दिन बाद यानी 15 अक्तूबर से लापता है.
जेएनयू ने घंटना के संबंध में प्रॉक्टर की निगरानी में जांच के आदेश दिए थे. जिसमे ABVP के एक कार्यकर्ता को दोषी पाया गया है.
वही दूसरी तरफ एबीवीपी ने अपने कार्यकर्ता का समर्थन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर जांच के दौरान ‘पक्षपात’ करने का आरोप लगाया है.
एबीवीपी सदस्य और जेएनयूएसयू के पूर्व सदस्य सौरभ शर्मा ने कहा, ‘इस मामले में प्रॉक्टर ने उन छात्रों के बयान लिए हैं, जो वहां मौजूद ही नहीं थे. ना केवल यह जांच पक्षपातपूर्ण है, बल्कि प्रशासन ने वाम बहुल छात्रसंघ का साथ दिया है.’
गौरतलब है कि अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त-द्वितीय (दक्षिण) मनीषी चंद्र के नेतृत्व में एसआईटी मामले में कार्रवाई योग्य कोई सुराग पाने में नाकाम रही थी, जिसके बाद मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को भेज दिया गया था.