नई दिल्ली. नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार ने बहुत ही सख्त रुख अपना रखा है. वित्त मंत्रालय ने कृषि मंक्षत्रालय की उस मांग को भी ठुकरा दिया जिसमें किसानों को पुराने नोटों से बीज खरीदन की इजाजत मांगी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय का मानना है कि ये छूट कालेधन को सफेद करने का मौका दे सकती है. मांग ठुकराने के पीछे आर्थिक विभाग की वह रिपोर्ट भी वजह बताई जा रही है जिसमें कहा गया है कि जनधन खातों में अचानक रुपयों की बारिश हो रही है.
कहा जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में 16 करोड़ जनधन खाते पहले से ही सक्रिय हैं इनके जरिए किसान रुपये भी बदल सकते हैं और बीज खरीदने के लिए पैसा भी निकाल सकते हैं.
छपी रिपोर्ट के मुताबिक कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 15 नवंबर को किसानों को छूट दिए जाने की मांग लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि जिस तरह से एयरलाइनों, रेलवे, पेट्रोल पंपों, सरकारी अस्पतालों में छूट दी गई है उसी तरह सरकारी बीज केंद्रों में भी 24 नवंबर तक सुविधा दी जानी चाहिए.
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में इस समय रबी की फसल के बुआई का मौसम है. 10 दिसंबर के बाद से इसका समय निकल जाएगा जिससे इसकी क्वालिटी और पैदावार पर काफी असर पड़ सकता है.
लेकिन वित्त मंत्रालय उनकी दलीलों से टस से मस नहीं हुआ और जिससे साफ जाहिर हो गया है कि कालेधन और जाली नोटों पर की गई ऐतिहासिक कार्रवाई से सरकार एक भी कदम पीछे हटने से तैयार नहीं है.