नई दिल्ली. हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. कोर्ट ने सरकार को वो 43 नाम फिर से भेज दिए हैं जिसे सरकार ने पहली दफा में नहीं नियुक्त किया. सरकार को कोर्ट ने 3 हफ्ते में इन 43 नाम पर विचार करने को कहा है.
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वो तीन हफ्तों के अंदर 43 जजों के नाम पर विचार करे. केंद्र ने इन 43 कैंडिडेट्स के नाम कॉलेजियम को वापस भेजकर इन पर दोबारा विचार करने की अपील की थी.
पिछली सुनवाई में केंद्र ने कहा था कि जजों की नियुक्ति से जुड़ी कोई फाइल सरकार के पास नहीं है. कुल 77 प्रत्याशियों में से 34 की नियुक्तियां कर दी गई थीं जबकि 43 सिफारिशों को दोबारा विचार करने के लिए कॉलेजियम को भेजा गया था.
कॉलेजियम ने फरवरी के महीने में ही 77 जजों की नियुक्ति की फाइल भेजी थी लेकिन तब इस पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया था, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था.
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि प्रशासनिक उदासीनता इस संस्थान को खराब कर रहा है, जज नहीं है तो क्या न्यायपालिका पर ताला लगा दें.
कोर्ट से 43 नाम दोबारा सरकार के पास जाने के बाद कानूनी और संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक सरकार के सामने अब दो विकल्प हैं.
एक तो वो 43 कैंडिडेट्स की नियुक्ति को हरी झंडी दे या फिर फाइल को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश करे. लेकिन मामला चूंकि सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है इसलिए ठंडा बस्ता में डालने का विकल्प संभव नहीं है.