नई दिल्ली. नोटबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के बीच जमकर तकरार हुई.
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर कोर्ट की कार्यवाही का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. रोहतगी ने कहा कि सिब्बल कांग्रेस के नेता हैं इसलिए वह ऐसा कर रहे हैं.
जवाब में सिब्बल ने कहा कि सरकार नोटबंदी के बाद से उपजी स्थिति को संभालने में नाकाम हो रही है उसको कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है क्योंकि ये फैसला बिना किसी योजना के ले लिया गया.
इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा मैंने आपकी कल प्रेस कांफ्रेंस सुनी थी. आप वही भाषा कोर्ट में भी बोल रहे हैं. बाद में कोर्ट ने कहा सिब्बल से कहा कि 25 नवंबर को होने वाली सुनवाई में वह लगाए जा रहे आरोपों का लिखित ब्यौरा दें.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- ना
नोटबंदी के खिलाफ देशभर की अलग-अलग अदालतों में दी जा रही जनहित याचिकाओं पर रोक लगाने की मांग को सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह याचिका केंद्र सरकार की ओर से डाली गई थी.
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि आम जनता को परेशानी हो रही है ऐसे में हम उनको लोगों को रोक नहीं सकते जो अपनी परेशानी बताने के लिए कोर्ट जा रहे हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह इन मामलों पर रोक लगाने के लिए देश भर के हाईकोर्ट में गुहार लगा सकते हैं.
इससे पहले सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि नोटबंदी से आ रही दिकक्तों पर कई कदम उठाए जा रहे हैं. हर दिन उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की जा रही है और लोगों की परेशानी दूर की जा रही है. उन्होंने दावा कि अब कतारें कम धीरे-धीरे कम हो रही है.
उनकी इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि इससे पहले ही सुनवाई में सरकार ने आश्वासन दिया था कि पैसा निकालने की सीमा को 4500 से बढ़ा दिया जाएगा लेकिन अब उसे 2000 कर दिया गया है, क्या 100 के नोटों की अभी तक कमी है?
आपको बता दें कि पैसा निकालले की सीमा घटाने के पर वित्त मंत्री जेटली एक दिन पहले ही बता चुके हैं कि लोग इस छूट का भी दुरुपयोग करने लगे थे और इसके बहाने ज्यादा से ज्यादा कालेधन को सफेद किया जाने लगा था.