नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व विचारक और पूर्व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्य ने सरकार पर निशाना साधा है. गोविंदाचार्य ने नोटबंदी को बिना किसी तैयारी के हड़बड़ी में उठाया गया कदम बताया है. उन्होंने केंद्र सरकार को लीगल नोटिस भेजा है. ये नोटिस वित्त सचिव शक्तिकांत दास के नाम भेजा गया है.
भगवा चिंतक गोविंदाचार्य ने नोटबंदी मामले पर केंद्र सरकार को कानूनी नोटिस भेजकर उन लोगों के लिए मुआवजे की मांग की गई है. जिनकी नोटबंदी के बाद बैंकों की लाइनों में लगे-लगे मौत हो गई. गोविंदाचार्य ने आर्थिक कार्य विभाग के सचिव शक्तिकांत दास और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को भी कानूनी नोटिस भेजा है.
गोविंदाचार्य ने अपने नोटिस में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आम जनता को जीने का अधिकार है. लेकिन केंद्र के इस निर्णय से देश की जनता घोर संकट में आ गई है. गोविंदाचार्य ने अपने कानूनी नोटिस में दावा किया है कि सरकार द्वारा बाद में नोटबंदी के बारे में कुछ छूट के लिए अधिसूचना जारी की गयी जिसका सरकार को कोई कानूनी अधिकार नहीं हैं.
नोटिस के अनुसार सरकार द्वारा मनमर्जी से नोटों के इस्तेमाल की छूट संविधान के अनुच्छेद-14 एवं समानता के अधिकार के विरुद्ध है. उन्होंने सरकार से मांग की गयी है कि आम जनता के खिलाफ सख्ती करने से पहले कालाधन के बड़े खिलाडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने सरकारी बैंकों का पैसा हजम कर लिया है.