नई दिल्ली. सरकार के फैसले के खिलाफ आज केजरीवाल और ममता बनर्जी रैली कर रहे हैं. इन दोनों ने ही आजादपुर मंडी में एक साथ सभा कर लोगों को संबोधित किया. इसके बाद यह दोनों आरबीआई दफ्तर के बाहर पहुंचे और नोटबंदी के खिलाफ धरने पर बैठ गए.
पैसे बदलने के लिए यहां पहले से भीड़ मौजूद थी. हालांकि यहां लोगों ने दोनों ही मुख्यमंत्रियों का समर्थन करने की जगह मोदी-मोदी के नारे लगाए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने यहां बताया कि ‘हम आरबीआई गवर्नर से भी नहीं मिल पाए है और सरकार के पास नोट बदलने का कोई डाटा नहीं है.’
वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि ‘सरकार और आरबीआई के पास नोटों की उपलब्धता के बारे में कोई जानकारी नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘सरकार के पास पैसों की कमी है इसलिए अब पैसे बदलवाने की सीमा 2000 रूपये कर दी गयी है. इसकी वजह से देश वित्तीय संकट से गुजर रहा है.’
यहां अरविन्द केजरीवाल ने आरबीआई से 8 सवाल पूछे जिसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया. उन्होंने बताया कि हम यहां यह जानने आये हैं कि कितनी करंसी की जरुरत है? कितनी करंसी छपी है? कैपिसिटी कितनी है और सब सामान्य होने में कितनी देर लगेगी?
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के आजादपुर मंडी में नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था. इस दौरान रैली में उन्होंने कहा कि पहले लगता था कि मोदी जी ईमानदार हैं, लेकिन हाल के दिनों में साबित हो गया कि वे ऐसा कुछ भी नहीं है. अडानी और अंबानी के घर नोटों की डिलीवरी हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने पूछा 2000 के नोट लाने से भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा. पहले घूस देने के लिए कोई 50 रुपये ले जाता था, अब 2000 देगा. नोटबंदी से जहां देश की जनता परेशान है वही गुजरात में 2000 घूस लिए जा रहे हैं.
हमें एटीएम से पैसे नहीं मिल रहे और घूस ले रहे हैं. यह आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है. यह घोटाला कुल 8 लाख रुपये का है. सरकार ने बड़े लोगों को 8 लाख का कर्ज दिया था जिसे दबाने के लिए नोटबंदी हुई.’