नई दिल्ली. सरकार के नए नियम के बाद पुराने नोट बदलवाने वालों पर उंगली में अमिट स्याही लगाई जा रही है. यह स्याही वही है, जो चुनाव में वोट देने के बाद लगाई जाती है. एक बार यह स्याही लगाने के बाद उसके मिटने तक कोई भी दुबारा पैसे नहीं बदलवा सकता है. यह स्याही पूरी तरह मिटने में लगभग 30 दिनों का समय लगता है.
अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से काला धन रखने वाले उन लोगों पर लगाम लगेगी जो बार-बार दूसरों के जरिए अपने पुराने नोट बदलवा रहे हैं और उनके खातों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
अमिट स्याही की आपूर्ति मुश्किल
बुधवार से स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की 11 शाखाओं, बैंक आॅफ इंडिया व कैनरा बैंक की चयनित शाखाओं और आरबीआई के दिल्ली आॅफिस ने इस स्याही का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. ये निशान सीधे हाथ की तर्जनी उंगली पर लगाया जा रहा है.
लेकिन, इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस स्याही की आपूर्ति हर जगह नहीं हो पा रही है. इस कारण कई जगहों पर धोबी स्याही का इस्तेमाल किया जा रहा है. धोबी स्याही का इस्तेमाल धोबी कपड़ों पर पहचान के लिए करते हैं.
एसबीआई न दिए निर्देश
सरकार द्वारा संचालित मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि उन्हें बुधवार शाम को कई बैकों से 2.9 लाख रुपये की 5 मिली लीटर की बोतलों का आॅर्डर मिला है. हर बोतल की कीमत 116 रुपये है और एक दिन में करीब 37,000 बोतलों का उत्पादन किया जा रहा है. यह अमिट स्याही बनाने वाली एकमात्र कंपनी है.
लेकिन, इतने कम समय में सभी जगह स्याही न पहुंच पाने के कारण बैंक दूसरे तरीके भी अपना रहे हैं. कुछ बैंकों ने एक आईडी पर 15 दिनों में एक ही बार नोट बदलवाने की सीमा तय कर दी है. वहीं, तमिलनाडु में एसबीआई मुख्यालय ने अपनी शाखाओं को धोबी स्याही इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं. यह स्याही भी जल्दी नहीं हटती. हालांकि, इसके साइडइफेक्ट के बारे में किसी को नहीं पता है.