नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हो गया है. सत्र शुरू होते ही राज्यसभा में विपक्ष ने केंद्र सरकार को 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले पर घेरना शुरू कर दिया है. जेडीयू नेता शरद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लेते हुए इशारों ही इशारों में तंज कसा है. यादव ने कहा, ‘नोटबंदी के फैसले के बारे में अरुण जेटली को भी नहीं पता था नहीं तो वे मुझे बता देते क्योंकि वो मेरे दोस्त हैं.’
शरद यादव ने कहा है कि ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले ही लिया है, इसके बारे में अरुण जेटली तक को नहीं पता था, क्योंकि अगर पता होता तो वे मुझे बता देते, वो मेरे दोस्त हैं. यादव के ऐसा कहते ही पूरे संसद में हंसी गूंज गई.
‘दलालों का रोजगार बढ़ा है’
यादव ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी का फैसला लेकर ऐसा काम किया जैसे कि कोई चलती राजधानी ट्रेन से कूद पड़े. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से दलालों का रोजगार बढ़ गया है. यादव ने कहा, ‘सरकार के इस फैसले ने पूरे देश को लाइन में खड़ा कर दिया है. देश का ईमानदार व्यक्ति लाइन में खड़ा है और बेईमान चैन से रह रहा है.’
जेडीयू नेता ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार ने इतने न्यायसंगत तरीके से सोचा है कि देश का वृद्ध जवान, महिलाएं सभी एक साथ लाइन में खड़ा है. यादव ने कहा कि सरकार के इस फैसले से कालाधन बनाने वाले लोगों की दसों की दसों उगंलियां घी में पड़ गई हैं.
नोटबंदी की सूचना पहले ही लीक हो गई थी
शरद यादव ने कहा कि नोटबंदी की सूचना सरकार के ऐलान के पहले ही लीक हो गई थी, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी की सूचना घोषणा के पहले ही लीक हो गई थी, इसकी जांच होनी चाहिए. जांच समिति में हमारे जैसे व्यक्ति को शामिल करना चाहिए.’
शरद यादव के अलावा सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी नोटबंदी पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट बैन होने से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगने वाली. वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि नोटबंदी पर फैसला बिना तैयारी के लिए गया. पूरे देश में ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आर्थिक इमरजेंसी लग गई हो.