नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया है और पहले ही दिन राज्यसभा में नोटबंदी पर जोरदार बहस भी हुई. इस बहस में हिस्सा लेते हुए सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट बैन होने से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगने वाली.
उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए राजनीतिक पार्टियों की कॉर्पोरेट फंडिंग पर रोक लगनी होगी. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग (EC) के माध्यम से सरकारी पैसों पर ही चुनाव लड़ना चाहिए.
केंद्र सरकार ने बड़े नोट बंद करने के पीछे एक तर्क यह भी दिया था कि इससे आतंकवादियों की फंडिंग पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के बाद से इस मुद्दे पर कई बार बात भी कर चुके हैं. नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगेगी, क्योंकि आतंकवादी पीठ पर नोटों से भरा हुआ थैला टांगकर नहीं चलते. उनकी पूरी फंडिंग केवल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांस्फर के जरिए ही होती है.
येचुरी ने राज्यसभा में ये भी कहा कि देश में 86 फीसदी करेंसी 500 और 1000 के नोटों के रूप में ही है और आज पूरा देश सिर्फ 14 प्रतीशत चालू करेंसी के भरोसे ही चल रहा है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश में कैश के रूप में कालाधन केवल 6 प्रतीशत है, जबकि ज्यादातर कालाधन अन्य माध्यमों के जरिए इधर-उधर ही होता है.
सीपीएम नेता ने कहा कि ज्वैलरी वाले धड़ल्ले से अपने कालेधन को सफेद कर रहे हैं. वे तरह-तरह के लोगों को संदेश भी भेज रहे हैं कि वे रातभर खुले हैं और 30 दिसंबर तक 500 और 1000 के नोट लेंगे. इस बीच सोने-चांदी की कीमतें भी उछल गई हैं. उन्होंने मोदी सरकार से भी पूछा कि आप इस तरह से कालाधन पकड़ रहे हैं या कालाधन रखने वालों को उसे सफेद करने का थडल्ले से मौका दे रहे हैं.