नई दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक ने डिफॉल्टर विजय माल्या समेत 63 कर्जदारों के करीब सात हजार करोड़ रुपये के लोन को डूबा हुआ मान लिया है. ये राशि एसबीआई के द्वारा लोन में दी गई राशि की 80 फीसदी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 63 डिफाल्टरों का पूरा कर्ज छोड़ दिया है. वहीं 31 कर्जदारों का लोन आंशिक तौर पर छोड़ा गया है. छह अन्य कर्जदारों पर बकाया लोन को नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया है.
डीएनए के द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई जब बकाया लोन वसूल करने में विफल रही तो उसने शीर्ष 100 विलफुट डिफाल्टरों में से 60 से अधिक पर बकाया 7016 करोड़ रुपये का लोन माफ करने का फैसला कर लिया है. जिन डिफॉल्टरों पर कर्ज छोड़ा गया है उनमें किंगफिशर एयरलाइंस (1201 करोड़), केएस ऑयल (596 करोड़), सूर्या फार्मास्यूटिकल (526 करोड़), जीईटी पावर (400 करोड़) और साई इंफो सिस्टम (376 करोड़) शामिल हैं.
बता दें कि कारोबारी और सांसद विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का बकाया था. जब सभी बैंक मिलकर बकाया वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो माल्या देश से फरार हो गया. बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों का कुल 6993 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें 1201 करोड़ रुपये एसबीआई के हैं.