नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ नोट बंदी के विरोध में राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसकी अगुवाई कर रही हैं. विपक्षी दल राष्ट्रपति नोट बंदी के खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे. इस मार्च में आम आदमी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस ने भी हिस्सा लिया.
इस मार्च में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला, भगवंत मान और शिवसेना के कई सांसद भी शामिल हुए हैं. बता दें मंगलवार को ही कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मार्च में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था. वहीं, बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने मार्च मे शामिल होने की घोषणा की थी. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मार्च को समर्थन करने लेकिन उसमें खुद शामिल न होने की बात कही थी.
संसद में गूंजी नोट बंदी
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर ममता बनर्जी ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी. जिन नेताओं के साथ आना हो आए. ममता बनर्जी इस मुद्दे पर अपनी धुर विरोधी पार्टी सीपीएम से भी हाथ मिलाने के लिए तैयार हो गई थीं लेकिन सीपीएम ने उनके साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया.
आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है. लोकसभा को कुछ देर बाद स्थगित कर दिया गया. वहीं, राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट नजर आया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर वैश्विक पटल पर देश का नाम खराब करने का आरोप लगाया.