भोपाल. मध्य प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम अब 500 और 1000 के पुराने नोटों को लेने के लिए बाध्य होंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किये है.
दरअसल राज्य सरकार को प्रदेश के अलग-अलग शहरों से ये शिकायतें मिल रही थी कि प्राइवेट अस्पतालों में 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार नहीं किए जा रहे.
जिसकी वजह से बहुत से मरीज बिना इलाज के अस्पतालों से लौटाए जा रहे हैं. इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ एक बैठक रखी थी जहां सरकार ने इस बाबत निर्देश जारी किए.
बैठक में निजी अस्पतालों के संचालकों ने शासन को बताया कि पुराने नोट बंद करने के बाद से रोगियों या उनके परिजनों से चेक, ई-बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड के माध्यम से फीस जमा कराई जा रही है.
प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने सरकार को भरोसा दिलाया है कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों के पास यदि पैसे नहीं भी हैं तो भी उन्हें इलाज के लिए मना नहीं किया जायेगा. लेकिन अलग-अलग शहरों से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने एसोसिएशन को निर्देश जारी किया.
एसोसिएशन ने शासन को आश्वस्त किया है कि वह जल्द ही निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को इस बारे में निर्देश जारी करेंगे और देखेंगे कि किसी भी मरीज को आगे कोई परेशानी से ना गुजरना पड़े.