नई दिल्ली. भारतीय रेलवे की ओर से नकदी की परेशानी से बचने के लिए ऐलान किया गया है कि टिकट कैंसिलेशन में अमाउंट के 5000 से ज्यादा होने पर रिफंड अमाउंट सीधा व्यक्ति के खाते में जायेगी. इससे पहले तक इसकी लिमिट 10 हज़ार रूपये थी.
अधिकारियों की माने तो यह फैसला दो वजहों से लिया गया है. इसमें से एक वजह नकदी की समस्या है. इस समय लोग सिर्फ पुराने नोट लेकर ही टिकट बुक कराने पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 24 नवम्बर तक रेलवे स्टेशनों पर पुराने नोट स्वीकार किये जा रहे हैं.
इसके अलावा कई लोग अपने काले धन को सफेद बनाने की जुगत में भी इसी राह को अपना रहे हैं. इसलिए इस फैसले को लिया गया है. बता दें कि 8 तारीख को टिकट की कुल बुकिंग 109.5 करोड़ की हुई थी. इसमें पीआरएस बुकिंग 45 करोड़ रुपये की थी. नोटबंदी के अगले दिन यानि कि 9 तारीख को नोट बंदी के तहत रेलवे पुराने नोट ले रहा था. इस वजह से तमाम जगहों पर लोगों ने एसी वन, एसी टू और एसी थ्री में हजारों टिकट बुक कराए. इस वजह से 9 तारीख को रेलवे ने कुल 126.8 करोड़ रुपये की टिकट बुकिंग की. इसमें 67.4 करोड रुपये की टिकट पीआरएस के जरिए बुक कराई गई थी.
जब रेलवे को यह पता चला कि ताबड़तोड़ टिकट बुकिंग के पीछे यह उम्मीद थी कि जब टिकट कैंसल कराई जायेगी तो पुराने नोटों के बदले रेलवे लोगो को नए नोट लौटाएगा. इसके बाद रेलवे के अधिकारियों को जब यह सूचना मिली तो आनन फानन में यह फैसला लिया गया कि टिकेट कैंसिल कराने पर रिफंड का अमॉन्ट 10 हज़ार से ज्यादा होता है तो रिफंड सीधे व्यक्ति के अकॉउंट में किया जाएगा.
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