केंद्र सरकार ने मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा दिया है. यह फैसला सरकार ने आज शाम को लिया. बताया जा रहा है कि ऐसा संस्था के गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से किया गया.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा दिया है. यह फैसला सरकार ने आज शाम को लिया. बताया जा रहा है कि ऐसा संस्था के गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से किया गया.
इस से पहले भी जाकिर नाईक के एनजीओ पर विदेश से चंदा लेने पर रोक लगाई गई थी. इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन उस वक्त सुरक्षा एजेंसियों के घेरे में आया था जब बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी ने जाकिर नाईक के भाषणों का हवाला दिया था. अब गृह मंत्रालय आतंक रोधी कानूनों के तहत जाकिर नाईक की संस्था पर रोक लगाने वाली है.
रिपोर्ट्स की माने तो इस से पहले तमाम गैरकानूनी गतिविधियों की जांच की गई थी और उसके बाद ही संस्था के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों से रोकधाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गयी है. इस जांच में पाया गया था कि जाकिर नाईक की यह संस्था पीस टीवी से संबंध रखती है. इतना ही नहीं जाकिर नाईक ने विदेशी खातों से पीस टीवी को पैसा भी भेजा है.
गृहमंत्रालय की ओर से जाकिर नाईक की संस्था को एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने से पहले फाइनल नोटिस भी जारी कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक़ गृह मंत्रालय का कहना है कि वह संस्था के पिछले जवाब से संतुष्ट नहीं है. जाकिर नाईक इस समय मलेशिया में है.