चंडीगढ़. सतलुज-यमुना लिंक से जल बंटवारे को लेकर पंजाब सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई. ये बैठक मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई, इस बैठक में पंजाब सरकार ने सतलुज-यमुना कैनल प्रॉजेक्ट के लिए ली गई जमीन को किसानों को वापस लौटाने का फैसला लिया है.
पंजाब कैबिनेट ने इस फैसले के साथ ही किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर पुराने नोटिफिकेशन को भी डि-नोटिफाई कर दिया गया है. पंजाब कैबिनेट ने तुरंत प्रभाव से सतलुज-यमुना लिंक के निर्माण के लिए पिछली सरकारों के वक्त किसानों से ली गई अधिग्रहण जमीन को वापस देने का फैसला पास किया है. इसमें कहा गया है कि यह निर्णय जनहित में किया गया है.
बता दें कि इससे पहले भी 14 मार्च 2016 को सतलुज की अधिग्रहीत जमीन उसके असली मालिकों को लौटाने का बिल पारित कर चुकी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को होने वाले पंजाब विधानसभा के स्पेशल सत्र में सरकार ‘ऑल वॉटर एग्रीमेंट टर्मिनेशन एक्ट’ को विपक्ष के समर्थन से सर्वसम्मति से पास करवा सकती है. इसके बाद ही पंजाब से सटे दूसरे राज्य को दिए जाने वाले पानी के पेंडिंग और चल रहे एग्रीमेंट साथ की साथ रद्द हो सकते हैं. फिलहाल इस मामले में पंजाब सरकार का कोई भी मंत्री खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहा है.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि विधानसभा सत्र में क्या होगा ये हम अभी नहीं बता सकते और मीडिया से वेट एंड वॉच के लिए कहा.