नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोट बदलने के लिए मची अफरातफरी पर लगाम कसने के लिए लोगों के हाथों पर चुनाव वाली स्याही लगाने का फैसला किया है, लेकिन ये फैसला अमल में आने से पहले ही विवादों में घिरता नजर आ रहा है. इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया है.
ममता ने कहा कि 19 नवंबर को कई राज्यों उप चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वोटरों के हाथों पर पहले से ही चुनाव वाली स्याही लगी होगी तो वो कैसे मतदान कर पाएंगे. नोट एक्सचेंज करने पर उंगली पर स्याही का निशान लगाने का मतलब है कि सरकार को आम जनता पर भरोसा नही हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि 19 नवंबर को उप चुनाव हैं, अगर नोट एक्सचेंज करने पर उंगली में स्याही लगा दी जाएगी तो इस पर चुनाव आयोग क्या कहेगा ? क्योंकि सरकार की ओर से बताया गया है कि लोगों के हाथों पर पहले से ही स्याही लगी होगी जो चुनावों के दौरान लगती है. म ब्लैक मनी को वापस लाने की मुहिम के खिलाफ नहीं है, बल्कि हम आम जनता की तकलीफ के खिलाफ हैं.
ममता ने आगे कहा कि लोगों के पास खाने को पैसा तक नहीं बचा है. अगर एक प्रतिशत लोग भ्रष्ट हैं तो 99 प्रतिशत लोग क्यों परेशान हों. हमारी मोदी सरकार से कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है लेकिन इस प्रकार का फैसला लेने से पहले जनता को समय देना चाहिए था.
ममता ने कहा कि शिवसेना ने भी नोटबंदी के खिलाफ हमारी मीटिंग में शामिल होने का भरोसा दिलाया है. हम सभी लोगो बुधवार को राष्ट्रपति से मिलेंगे और उन्हें जनता को होने वाली परेशानियों से अवगत कराएंगे. ममता ने इसे सरकार का ‘ब्लैक मैकनिज्म’ शुरू करने का प्रयास बताया है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, तमिलनाडु समेत छह राज्यों की आधा दर्जन सीटों पर 19 नवंबर को उप चुनाव होने वाले हैं. इसी को मुद्दा बनाते हुए ममता ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. ममता ने चुनाव आयोग से सवाल किया लाइन में लगने वाले लोगों के हाथों पर स्याही होगी तो वो लोग वोट कैसे डालेंगे.