नई दिल्ली. 1971 में भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के अत्याचार से मुक्त कराने में मदद की थी. 1971 में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ा और फिर शर्मनाक हार के बाद पाकिस्तान के 90 हज़ार से ज्यादा सैनिकों और नागरिकों ने भारत के सामने सरेंडर किया. ये ऐतिहासिक सच्चाई है, जिसे पूरी दुनिया जानती है. लेकिन, जब यही सच्चाई प्रधानमंत्री मोदी ने ढाका में दोहराई, तो पाकिस्तान में हाहाकार मच गया.
पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेता राग अलापने लगे कि भारत के खिलाफ तो युद्ध अपराध का मुकदमा चलवाना चाहिए. अब सरहद के दोनों ओर इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि जब अपनी बर्बादी का जिम्मेदार पाकिस्तान खुद है, तो फिर वो भारत को किस बात के लिए कोस रहा है? सरहद आर-पार में आज इंडिया न्यूज और लाहौर से दिन न्यूज के बीच इसी सवाल पर बड़ी बहस हुई कि क्या पाकिस्तान में सच सुनने की हिम्मत भी नहीं बची है?
देखिए बड़ी बहस में क्या कहता है पाकिस्तान?
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