Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • शीतकालीन सत्र में नोट बंदी पर हंगामे के आसार, विपक्ष दलों और सरकार में बैठकों का दौर जारी

शीतकालीन सत्र में नोट बंदी पर हंगामे के आसार, विपक्ष दलों और सरकार में बैठकों का दौर जारी

बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. इस सत्र में नोट बंदी के फैसले का मुद्दा उठना तय है. इसे लेकर सरकार और विपक्ष दोनों अपनी रणनीति बना रहे हैं.

Advertisement
  • November 15, 2016 3:08 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. इस सत्र में नोट बंदी के फैसले का मुद्दा उठना तय है. इसे लेकर सरकार और विपक्ष दोनों अपनी रणनीति बना रहे हैं. इसी के मद्देनजर सोमवार को आठ विपक्षी दलों कांग्रेस, जेडीयू, राजद, टीएमसी, माकपा, भाकपा, झामुमो और वायएसआर कांग्रेस के नेताओं ने संसद भवन परिसर में बैठक की. 
 
इस बैठक में विभिन्न दलों के बड़े नेता शामिल हुए. हालांकि, बैठक में सपा, बसपा, एनसीपी, डीएमके, बीजद का कोई प्रतिनिधि नहीं था. बैठक से जुड़े सवाल पर जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को भी बैठक होगी. उसमें वो दल भी शामिल होंगे, जो सोमवार को नहीं हुए. खबर है कि विपक्षी 500 और 1000 रुपये के नोटों की समयसीमा 30 दिसंबर तक बढ़ाने की मांग कर सकते हैं. 
 
सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
वहीं, सरकार ने भी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. नोट बैन, जीएसटी, पीओके में सैन्य कार्रवाई और कश्मीर के हालात जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. 
 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी रैली में कहा कि उनके फैसले के बाद से गरीब आराम से सो रहे हैं. यह आम लोगों के साथ मजाक है क्योंकि वो ही इस फैसले से सबसे ज्यादा परेशान हैं. वहीं, माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी फैसले का विरोध किया और कहा कि मोदी अपनी अलग दुनिया में रहकर फैसले ले रहे हैं. 

Tags

Advertisement