जनता परेशानी झेलकर भी नोटबंदी से खुश है तो नेता क्यों परेशान ?

पांच सौ और एक हज़ार के पुराने नोट बंद हुए 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन पैसे निकालने में जनता के नौ करम हो रहे हैं. जनता कैश के लिए बैंकों के बाहर कतार में है और नेता नोटबंदी पर लामबंदी में जुटे हैं. उधर सरकार दावा कर रही है कि आम जनता तकलीफ उठाकर भी कालेधन पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक से खुश है ?

Advertisement
जनता परेशानी झेलकर भी नोटबंदी से खुश है तो नेता क्यों परेशान ?

Admin

  • November 14, 2016 5:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. पांच सौ और एक हज़ार के पुराने नोट बंद हुए 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन पैसे निकालने में जनता के नौ करम हो रहे हैं. जनता कैश के लिए बैंकों के बाहर कतार में है और नेता नोटबंदी पर लामबंदी में जुटे हैं. उधर सरकार दावा कर रही है कि आम जनता तकलीफ उठाकर भी कालेधन पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक से खुश है ? 
 
पांच सौ और एक हज़ार के पुराने नोट बंद होने से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है, बैंकों और डाकघरों पर लाइन लगातार लंबी होती जा रही है. पांच दिन तक पस्त रहे बैंक कर्मियों को आज छुट्टी से थोड़ी राहत मिली, लेकिन जनता की आफत और बढ़ गई.
 
बैंकों के एटीएम पूरे दिन या तो करंसी से खाली रहे या फिर भीड़ का दबाव झेल पाने में नाकाम होकर खराब हो गए. जहां एटीएम में पैसे हैं, वहां लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है. कैश की किल्लत के चलते कारोबार करीब-करीब ठप सा है. प्रधानमंत्री मोदी कह चुके हैं कि ये संकट 30 दिसंबर तक है. प्रधानमंत्री ने देश की जनता से वादा किया है कि 50 दिन की तकलीफ का फायदा आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी.
 
लेकिन, सड़कों पर नोटबंदी की लाइन देखकर विपक्ष ने वोटों के लिए लामबंदी तेज़ कर दी है. ये सवा दो साल में पहला मुद्दा है, जिसके लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने कट्टर विरोधी सीपीएम से हाथ मिलाने को तैयार हैं.
 
मायावती और मुलायम सिंह यादव एक सुर में बोल रहे हैं, तो कांग्रेस और केजरीवाल भी नोटबंदी के सवाल पर एक जैसा आरोप लगा रहे हैं कि इसकी जानकारी लीक करके कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया गया.
 
बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें नोटबंदी के सवाल पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम, आरजेडी, जेडीयू ने बैठक करके अपनी रणनीति बनाई तो वहीं बीजेपी ने जवाबी हमला करने की तैयारी भी शुरू कर दी है..। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद विपक्ष के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है.
 
फिर नोटबंदी से विपक्ष की नींद क्यों हराम है ? क्या सरकार और रिजर्व बैंक ने बिना तैयारी किए नोटबंदी लागू कर दी, आज इन्हीं सवालों पर होगी बड़ी बहस
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

Tags

Advertisement