नोट बैन के फैसले पर केजरीवाल ने PM मोदी पर की सवालों की बौछार

राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले को लेकर सवालों की बौछार की है. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे हैं.

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नोट बैन के फैसले पर केजरीवाल ने PM मोदी पर की सवालों की बौछार

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  • November 12, 2016 12:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले को लेकर सवालों की बौछार की है. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे हैं. 
 
पहला सवाल
केजरीवाल ने पीएम मोदी से सवाल किया, ‘देश में कालाधन किसके पास है. अडानी, अंबानी, शरद पवार, बादल, सुभाष चंद्र के पास कालाधन है या हाउस वाइफ, राशन की दुकान वाला, मजदूर या किसान, इनमें से किसके पास है कालाधन.’
 
 
दूसरा सवाल
केजरीवाल ने पीएम मोदी पर सवाल दागते हुए उन लोगों की लिस्ट सामने लाने के लिए कहा जिन्हें उन्होंने नोट बैन का फैसला लेने से पहले खबर दे दी थी. केजरीवाल ने पूछा, ‘मोदी जी कृपया अपने उन दोस्तों की लिस्ट दीजिए जिन्हें आपने नोट बैन करने के फैसले के बारे में पहले से ही बता दिया था.’
 
तीसरा सवाल
दिल्ली के सीएम ने पीएम मोदी से यह भी पूछा है कि वे उन लोगों के बारे में भी बताएं जो भारी मात्रा में 500 और 1000 के नोटों को 2000 रुपये के नोट से बदलवा रहे  हैं. इसके अलावा केजरीवाल ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शक्तिशाली भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए था, आम आदमी के खिलाफ नहीं.
 
केजरीवाल के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी के इस फैसले का विरोध करते हुए इस फैसले को खतरनाक बताया है. ममता ने कहा है कि 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला खतरनाक, विनाशकारी और कठोर है, इसे वापस लेने की जरूरत है.
 
बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 के नोट बंद हो गए हैं, केवल कुछ जरूरी जगहों पर ही इनका उपयोग किया जा रहा है. पर्याप्त मात्रा में एटीएम में भी 100 के नोट नहीं है, जिस वजह से लोगों के पास पैसों की काफी दिक्कत हो रही है. बैंकों में भी लंबी लाइन लगी हुई है, जिस वजह से बहुत से लोगों के पास अब भी 500 और 1000 के पुराने नोट हैं और वे जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं. 

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